उत्तराखंड में नॉन टेट शिक्षा मित्रों को बाहर का रास्ता दिखाये जाने के बाद अब शिक्षा मित्र संघठन जस्टिस सुधांशु धुलिया जी के आदेश को डबल बेंच में चुनोती देगा -
C/P
Hirdesh Dubey
सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश के समायोजित शिक्षामित्रों को भी इस निर्णय से समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तराखंड के शिक्षामित्रों को एक बार फिर डबल बेंच से लेना होगा स्टे आर्डर।
हाई कोर्ट नैनीताल द्वारा आज उत्तराखंड में कार्यरत समायोजित शिक्षामित्रों के संदर्भ में एकलपीठ द्वारा ललित कुमार, ऊधमसिंह नगर एवं प्रवीण कुमार, बाजपुर निवासी एवं अन्य बीएड टीईटी पास द्वारा डाली गई रिट के संदर्भ में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा दी गई छूट को आधार मानते हुए बिना टीईटी पास समायोजित अध्यापकों को बाहर निकालने का आदेश दिया गया है। इस संदर्भ में हमारी उत्तराखंड शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री ललित द्विवेदी जी से बात हुई है। उनके द्वारा बताया गया कि उत्तराखंड सरकार बहुत जल्द जैसे ही हाई कोर्ट के एकलपीठ का आर्डर प्राप्त होता है उसको लेकर डबल बेंच में अपील करेगी।
साथियों उत्तराखंड में जिन शिक्षामित्रों को शिक्षक के रूप में बिना टीईटी के समायोजित किया गया था। उन पर पहले भी नैनीताल हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा सहायक अध्यापक के रूप में समाहित करने पर रोक लगा दी गई थी जिस पर 18 दिसंबर 2014 को चीफ जस्टिस की डवल बैंच द्वारा स्टे देते हुए उत्तराखंड सरकार को भर्ती करने की छूट हाई कोर्ट डबल बेंच के अंतिम निर्णय के अधीन दी जा चुकी है। उसी को आधार बनाकर इस निर्णय पर भी उत्तराखंड सरकार को आज के निर्णय पर स्टे आर्डर पास कराना होगा। तभी उत्तराखंड में समायोजित शिक्षामित्र अपने शिक्षक पद पर बने रहते हुए सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
मित्रों जिन विन्दुओं पर हाई कोर्ट नैनीताल की एकलपीठ द्वारा समायोजित शिक्षामित्रों को बाहर निकालने का आदेश किया गया है। उनसे सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश के समायोजित शिक्षा मित्रों के केस में भी समस्या खड़ी हो सकती है इसलिए आवश्यक है कि डबल बेंच मे उत्तराखंड सरकार उन बिंदुओं पर अपना मजबूत जवाब दाखिल करते हुए slp दाखिल करे।
😝😝😝😝😝😝😝😝😝😝
उत्तराखण्ड़ के निर्णय से बेतन पा रहे यूपी के समायोजित शिक्षको मे दहशत।
माननीय हाईकोर्ट इलाहाबाद के 11 सितम्बर के निर्णय के बाद प्रदेश के 172000 शिक्षामित्रो ने एकता का परिचय देते हुये। पूरे प्रदेश को दहला दिया था। हमारे 60 से अधिक साथियो ने अपने प्राणों की आहुति देकर समायोजित शिक्षको को माननीय सुप्रीम कोट से स्टे दिलाकर पुन: वेतन दिलाया। लेकिन आज एक बर्ष से स्टे आर्डर पर वेतन पा रहे 137000 शिक्षामित्रो मे 70% शिक्षामित्र यह भूल गये है। कि उन्हें जो वेतन मिल रहा है। वह वेन्टरलेडर पर लेटे मरीज से कम नही है। फिर भी वह अपने आपको पूर्ण अध्यापक समझकर यह सोच रहे है। कि इतने दिनो तक वेतन देने के बाद कोई कोट हमे बाहर का रास्ता नही दिखा सकता। तो उनके लिये उत्तराखण्ड़ का आदेश एक तमाचे से कम नही है। क्योकि वहां भी बीस माह से इन्हें वेतन स्टे आर्डर पर मिल रहा था। इस लिये साथियो जागों और कानुनी संघर्ष मे अपने भविष्य को बचाने के लिये तन मन धन से सहयोग करो।
👇👇👇नेता उवाच👇👇👇
मित्रो आज उत्तराखण्ड़ के निर्णय के बाद उत्तर प्रदेश के नेता भी वही रटा रटाया ब्यान देने लगे की आप लोग परेशान ना हो हम सुप्रीम कोट से जीतेगे। वहां के आदेश का हम लोगो पर कोई फर्क नही पडेगा। तो यह वही लोग है। जो इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय के एक घंटे पहले भी कह रहे थे हम जीत रहे है। आप लोग धैर्य रखे। बस पैसों की कमी ना आने दे। इसलिये प्रदेश के लोगो से अपील है कि इनकी अंधभक्ति मे समय वर्वाद ना करो सभी लोग मिलकर इनपर दवाव बनाओ कि यह कानूनी लडाई मे मजबूत पैरवी करे। तभी इनको सहयोग दे। वरना जो भी संघ या टीम आपके भविष्य के लिये मजबूत पैरवी की तैयारी करे उसे बढ चढ कर सहयोग करे।
मित्रो इस समय सबसे बडी जरूरत है। mhrd/ncte पर दवाव बनाने की, क्योकि यूपी मे बिधान सभी चुनाव नजदीक है। इसलिये सभी लोग मिलकर कदम उठाये। साथ ही एक अनुरोध और है। आप लोग आगामी होने बाली टैट परीक्षा की तैयारी भी करे। फिर चाहे नौकरी बगैर टैट क्यो ना बचे लेकिन अाप लोग टैट पास करके विरोधियो के मुहं पर तमाचा जरूर मारे।
नोट:- मेरी इस पोस्ट को पढकर कुछ अंधभक्तो के पेट मे मरोड जरूर होगी। इसलिये वह इसे ना पढे। साथ ही फांसी मंजूर टैट मंजूर की मानसिकता बाले बिल्कुल ना। क्योकि उनके लिये सत्य कडूवा होगा। मित्रो मेरी यह राय निजी राय है। संगठन से कोई लेना देना इस पोस्ट से नही। धन्यवाद
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपका:-
ह्रदयेश दुवे (जिलाध्यक्ष)
दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ जनपद कन्नौज
No comments:
Post a Comment