एक साल का हो बीएड व एमएड
कानपुर, जागरण संवाददाता : बीएड और एमएड की पढ़ाई का समय अंतराल कम करने की कवायद शुरू हो गई है। दो वर्ष की पढ़ाई को दोबारा एक साल किए जाने के लिए उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन ने नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन(एनसीटीई) को पत्र लिखा है। एनसीटीई रेगुलेशन 2014 में संशोधन के लिए मांगे गए सुझाव के तहत यह पत्र भेजा गया है।
पत्र में सुझाव दिया गया है कि एक व दो वर्ष की पाठ्यक्रम सामग्री में अधिक अंतर नहीं है। अगर पढ़ाई के तरीकों में बदलाव किए जाएं तो पाठ्यक्रम को एक साल का करके छात्रों का साल बचाया जा सकता है। बढ़ाई गई पाठ्य सामग्री व अभ्यास शिक्षण को दो सौ के बजाय 265 दिन और प्रत्येक कार्य अवधि को छह घंटे से बढ़ा न्यूनतम छह घंटे 45 मिनट करके दो वर्ष के पाठ्यक्रम की पढ़ाई एक वर्ष में पूरी की जा सकती है। एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि अगर एनसीटीई रेगुलेशन में यह बदलाव हो तो बीएड कालेजों में अध्ययनरत लाखों छात्रों का साल बचने के अलावा शिक्षण शुल्क, आने जाने व रहने खाने का खर्च बचाया जा सकता है। पत्र के जरिए यह सुझाव भी दिया गया है कि एनसीटीई रेगुलेशन में संशोधन करते हुए बीएड व एमएड समेत सभी अध्यापक शिक्षा कार्यक्रमों का एक समान शैक्षिक कैलेंडर राज्यों व राज्य विश्वविद्यालयों की सहमति से बनाया जाए।
प्रदेश के बीएड कॉलेज एक नजर में :
-प्रदेश में 1500 बीएड कॉलेज हैं जिनमें एक लाख 85 हजार सीटें हैं
-इनमें छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध 200 बीएड कॉलेज हैं जिनमें 20 हजार सीटें हैं
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