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Thursday 13 October 2016

ऑनलाइन होंगी परिषदीय विद्यालयों की किताबें

ऑनलाइन होंगी परिषदीय विद्यालयों की किताबें, किताबें न सुलभ होने पर इसके आधार पर वह अपने विद्यालयों में पढ़ाई जारी रख सकेंगे शिक्षक

प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली किताबें जल्द ही ऑनलाइन होंगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद इस दिशा में काम कर रहा है और संभावना है कि अगले सत्र से पहले ही यह सबको सुलभ हो
जाएगी। बच्चों तक इनकी पर्याप्त पहुंच भले ही न हो पाए लेकिन शिक्षकों को सुविधा होगी। किताबें न सुलभ होने पर इसके आधार पर वह अपने विद्यालयों में पढ़ाई जारी रख सकेंगे। इससे पहले बीटीसी का पाठ्यक्रम भी ऑनलाइन किया जा चुका है।
परिषदीय विद्यालयों में किताबों को वितरित करने में लगभग हर साल विलंब हो रहा है। इस साल भी अभी तक विद्यालयों को पुस्तकें उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। पुस्तकों को ऑनलाइन करने से इसकी कमोबेश कुछ हद तक भरपाई हो सकेगी। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर कक्षा एक से लेकर आठ तक 54 पुस्तकें विद्यालयों में पढ़ाई जाती हैं। सूत्रों के अनुसार राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के परिषद सर्वेद्र विक्रम सिंह ने इन्हें ई-बुक के रूप में तैयार करने की रूपरेखा तैयार की है। राज्य शिक्षा संस्थान इसे अमलीजामा पहनाएगा। कई पुस्तकों पर काम पूरा कर लिया गया है। उसमें सुधार का कार्य जारी है। ई-बुक उपलब्ध होने के बाद अभिभावक भी उसे अपने स्तर पर डाउनलोड कर सकेंगे। अधिकारियों का मानना है कि अभी भले ही प्राथमिक विद्यालयों में इंटरनेट के संसाधन नहीं उपलब्ध हैं लेकिन आगे चलकर यह पुस्तकें काफी उपयोगी साबित होंगी।
गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग के लिए किताबों का वितरण हमेशा से ही एक बड़ा सिरदर्द रहा है। इस कारण ही पिछले सत्र में शिक्षकों को निर्देश दिया गया था कि वे वर्तमान में पढ़ाई जा रही किताबें अगले सत्र के लिए संरक्षित करा लें ताकि नई कक्षा में जाने वाले छात्र उनका उपयोग कर सकें लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका। ऑनलाइन होने पर शिक्षक खुद विषयवस्तु जानकर छात्रों की शिक्षा जारी रख सकेंगे।

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