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सभी साथियो को सादर प्रणाम🙏�🙏�🙏�,,,परमपिता भगवान अर्धनारीश्वर बाबा भोलेनाथ जी के आशिर्बाद से,,,आप सभी सकुशल रूप से अपनी आजीविका और कर्तव्यों का निर्वहन शिक्षक के रूप में मेहनत करके कर रहे हो,,,ईश्वर सदैव आप सभी को ऐसी खुशिया देता रंहे,,,
ध्यान दीजिए👉�👉�👉�
✍✍✍आप लोगो को पुनः जाग्रत करना चाहूंगा,,, आज हम सब उस दहलीज पर खड़े है जहाँ,,,,एक तरफ खाई है जो हमको खत्म कर सकती है ,,,वही दूसरी तरफ भविष्य की ऊंचाइयां ,,,,,
ये निर्णय आपके पास,,,विचार करिये????
जिंदगी के इस भवर में जहाँ,, एक व्यक्ति अपनी आजीविका के लिए दिन रात एक दिन करते हुए,, काल के कोख से अपनी भर्ती को निकालने के लिए संघर्ष रत है ,,,,,
नमन है ऐसे साथी ,,,भाई अरविन्द रॉय जी ॐ जी और महेंद्र जी कृष जी का ,,,जिनके अथक प्रयास से हम ,,,,मिशन सुप्रीम कोर्ट के लिए अपनी तैयारी में लगे हुए है,,हमारा काम काफी तेजी से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है ,,,ड्राफ्फ्टिंग का ,,,,,,सब कुछ आपके सामने होगा,,!!
मित्रो इस कठिन समय में भी ,,,हंमारे कुछ भाई जो मोर्चे के साथी है ,,,वो हमारी बुराई करते थक नही रहे ,,,,
हम भी तो आपके भाई है ,,,हमने तो आपको पैरवी के लिए नही रोका ,,,फिर सवाल ये है ,,की आप हमें क्यों रोकना चाहते हो,,,,क्या कोई स्वार्थ है??? आपका,,,, अगर नही तो,,,भाई क्यों हमारे साथियो की मीटिंग और एक जुटता में अपनी दूषित और शोषित मानशिकता लगा रहे ,,,,,आपको तो साथ में खुश होना चाइये की चलिये अच्छा है,,हमारी दूसरी टीम भी काम कर रही है ,,जिसका उद्देश्य भी भर्ती को काल के कपाल से बाहर निकलना है,,,फिर विरोध् क्यों,,!!!
अभिमान दुर्योधन का भी टूट गया था,,,जो ये समझ बैठा,, था कि ये तो बस मुठी भर है,,,
इसिलिये आप से प्रार्थना है,,आप भी काम करिये हम भी अपना काम करेगे,,,,
महत्वपूर्ण बात,,,
सभी युवा और सच्चे साथियो का आह्वान है,,यदि आप हमारी मिशन सुप्रीम कोर्ट की टीम में शामिल होकर अपनी अहम भूमिका निभाना चाहते है ,,,तो संघ आपका स्वागत करता है,,,यहाँ न कोई नेता है न कोई पद है ,,सब भाई है ,,,आप भी आगे आइये ,,और हमारे इस विजय रथ के सारथी बनिए,,,संपर्क करे
आपका भाई ,,आनन्द शुक्ला,, बाराबंकी
संपर्क सूत्र-(9161403895)
Whats app,, नं-(7525841685)
एक ही उद्देश्य,,
आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नही,,,!!!💐💐*
ऐ परिंदे!!*
*यूँ ज़मीं पर बैठकर क्यों आसमान देखता है..*
*पंखों को खोल, क्योंकि,ज़माना सिर्फ़ उड़ान देखता है !!*
*लहरों की तो फ़ितरत ही है शोर मचाने की..*
*लेकिन मंज़िल उसी की होती है, जो नज़रों से तूफ़ान देखता है !!*
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