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Sunday 4 December 2016

रिफ्रेसर कोर्स को लेकर फार्मासिस्टों का हंगामे से मुश्किल में पड़ी पीसीआई


रिफ्रेसर कोर्स को लेकर फार्मासिस्टों का हंगामे से मुश्किल में पड़ी पीसीआई

राज्यउत्तरप्रदेशस्वास्थ्य Dec 03, 2016

लखनऊ: 3 नवम्बर/ अनट्रेंड दवा कारोबारियों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित एक्सपेरिंस पर आधारित रिफ्रेसर कोर्स लेकर संशय बरक़रार है ! आल इंडिया आर्गेनाईजेशन ऑफ़ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ने उत्तर भारत में फार्मासिस्ट की कमी का हवाला देते हुवे सरकार के सामने छह महीने के रिफ्रेसर कोर्स की मांग सरकार से की थी ! एआईओसीडी ने सरकार के सामने पाँच वर्ष या ज्यादा समय से दवा वितरण करने वाले अनट्रेंड दवा कारोबारी को रिफ्रेसर कोर्स कराकर दवा बांटने के लिए प्राधिकृत करने की मांग रखी थी ! इसके पीछे दवा कारोबारियों का तर्क है कि ऑनलाइन लाइसेंसिंग के कारण उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ! नाम नही छापे जाने की शर्त पर कानपूर के एक दवा कारोबारी ने बताया की पहले दवा कारोबार करना काफी आसान था ! दस पंद्रह हज़ार रूपये खर्च करने से ड्रग इंस्पेक्टर खुद ही फार्मासिस्ट का सर्टिफिकेट उपलब्ध करा देते थे और ड्रग लाइसेंस भी आसानी से मिल जाता था ! इस तरह उन्हें फार्मासिस्ट को सैलरी नही देनी पड़ती थी ! जब से अखिलेश यादव की सरकार ने ड्रग लाइसेंस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है साथ ही फार्मासिस्ट की अनिवार्यता कर दी है इससे उनका अतिरिक्त खर्च बढ़ गया है ! फार्मासिस्ट प्रोफेशनल दुकान में रहकर नॉकरी करने के एवज़ में पचीस हज़ार रुपये की मांग कर रहे है !

क्या है पूरा मामला

चूँकि ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट और फार्मेसी एक्ट की धारा ४३ के मुताबिक केवल डिप्लोमा या फिर बैचलर फार्मासिस्ट (बी. फार्मा) की पढाई कर चुके साथ ही पीसीआई में रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट द्वारा ही दवा बांटे जाने का कानून है ! यूपी बिहार झारखण्ड समेत पूर्वोत्तर राज्यों में नियमों को ताक पर रखकर एक एक फार्मासिस्ट के नाम पर कई दुकानों का सञ्चालन किया जा रहा था ! फार्मासिस्ट संगठन के काफी हंगामे के बाद पहले झारखण्ड फिर यूपी को ऑनलाइन किया गया ! ऑनलाइन होते ही एक फार्मासिस्ट के नाम पर एक दुकान के ही लाइसेंस आवंटित होने लगे बाकि दुकानों को बंद करने का नोटिस जारी किया गया ! सूत्रों के अनुसार झारखण्ड में जहाँ करीब चार हज़ार ड्रग लाइसेंस फार्मासिस्ट के आभाव में बंद हो गए कई लाइसेंस अब भी निलंबित चल रहे है ! यूपी का हाल सबसे बदतर है यहाँ अबतक करीब आठ हज़ार से अधिक ही लाइसेंस निलंबित हुवे हैं ! ड्रग कंट्रोलर ए के मल्होत्रा ने कहा है की करीब तीस हज़ार से अधिक ड्रग लाइसेंस ससपेंड किये जाना है !

रिफ्रेसर कोर्स को लेकर एआईओसीडी की कसरत जारी

हालाँकि रिफ्रेसर कोर्स को लेकर केमिस्टों की सर्वोच्च संस्था एआईओसीडी की प्रतिष्ठा दावं पर है ! एआईओसीडी के प्रमुख जगन्नाथ सिंधे अध्यक्ष के साथ साथ फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया के सदस्य और पोलिटिकल पार्टी एनसीपी के मनोनीत विधायक भी है ! ऐसे में अपने राजनितिक रसूख का पूरा इस्तेमाल करते हुवे शिंदे सरकार और पीसीआई दोनों ही पर दबाब डाल रहे हैं !
ड्रग लाइसेंस घोटाले की हो सीबीआई जांच

नेशनल फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष और आरटीआई कार्यकर्त्ता पियूष सिंह ने कहा है कि सरकार पहले यूपी , झारखण्ड, बिहार समेत पूर्वोत्तर राज्यों में हुवे ड्रग लाइसेंस घोटाले की जांच सीबीआई से कराए तब जाकर रिफ्रेसर कोर्स जैसे मुद्दों पर बात हो ! पियूष सिंह ने कहा कि एआईओसीडी के अध्यक्ष जगनाथ शिंदे ड्रग लाइसेंस घोटाले के शामिल केमिस्ट यूनियन के नेताओं और भ्रष्ठ एफडीए अफसरों को बचाने के लिए रिफ्रेसर कोर्स के मुद्दे को हवा दे रहे हैं ! पियूष ने मांग की है कि जबतक ड्रग लाइसेंस घोटाले की जांच पूरी नही होगी तबतक प्रदर्शन जारी रहेगा !

ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट और फार्मेसी एक्ट में होगा संशोधन

रिफ्रेसर कोर्स को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने केमिस्ट संगठन की मांगों की याचिका पर फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया और सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कण्ट्रोल आर्गेनाईजेशन से मन्तव्य मांगे हैं ! अगर पीसीआई और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया प्रस्ताव को हरी झंडी देते हैं तो जल्द ही ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में संसोशन की कवायद शुरू हो जायेगी ! उधर पीसीआई को नया कोर्स शुरू करना पड़ सकता है !

फार्मेसी कॉलेजों और फार्मासिस्ट संगठनों ने खोला मोर्चा

फार्मसी जगत के दिग्गजों ने रिफ्रेसर कोर्स को तुगलकी फरमान बताया है ! इसे लेकर देश भर के फार्मासिस्ट संगठनों में जबरजस्त उबाल है ! जगह जगह प्रदर्शन शुरू हो गए हैं इसी क्रम में पटना गवर्नमेंट फार्मसिस्ट इंस्टिट्यूट के छात्रों ने रिफ्रेसर कोर्स की प्रतिया फूंकी साथ ही सरकार और पीसीआई के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ! दिल्ली में फार्मासिस्टों का नेतृत्व कर रहे जाने माने फार्मा एक्टिविस्ट विनय कुमार भारती ने धमकी दी है की अगर पीसीआई जल्द ही स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रस्ताव को वापस नही करती है तो दिल्ली स्थित पीसीआई मुख्यालय पर ताला जड़ दिए जाएंगे ! विनय कुमार भारती अपने साथी एक्टिविस्टों के साथ 5 दिसंबर को एफडीए, भवन कोटला रोड में प्रदर्शन करेंगे !

पीसीआई पर दोहरी मार दबाब में है प्रेसिडेंट बी. सुरेश

सूत्रों के मुताबिक रिफ्रेसर कोर्स को लेकर पीसीआई प्रेसिडेंट बी. सुरेश भारी दबाब में हैं. हालांकिं उन्होंने यह स्पस्ट नहीं किया की उन्हें दबाब कौन दे रहा है ? चूँकि रिफ्रेसर कोर्स पर मंतव्य सीधे स्वास्थ्य मंत्रालय ने माँगा है l ऐसे में मंतव्य की जगह अगर मंत्रालय सीधे आदेश कर दे तो पीसीआई के पास कोई विकल्प नही होगा ! भले ही पीसीआई एक स्वायत संस्था है पर स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन है ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय का दबाब होना लाजमी है ! इधर पीसीआई सेक्रेटरी अर्चना मुग्दल से जब बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मिडिया से बात करने से साफ़ मना कर दिया !

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