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Monday 5 December 2016

अरविन्द राय के अनुसार हाई कोर्ट के निर्णय का विश्लेषण

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साथियो नमस्कार

टेट बनाम एकेडमिक भर्ती का बहुप्रतीक्षित केस 657/2015 का आदेश आ चुका है, दीपक शर्मा ; सीताराम और जे आर टी संबंधी समस्त याचिका ख़ारिज किया गया है । पाठक ;हिमांशु राना , आदि द्वारा समस्त भर्तियो से संबंधी  रूल और वैलिडिटी संबंधी चैलेंज के याचिका स्वीकार ।

एक प्रकार से सुप्रीम कोर्ट में अब सभी भर्ती न्याय पाने के लिए दरवाजा खटखटाये । ऐसा आदेश किया है चीफ जस्टिस डी बी भोसले जी द्वारा । किसी भर्ती पर कमेंट न करते हुए 15 ;16 संसोधन को निरस्त मानते हुए हाई कोर्ट के ट्रिपल बेंच शिव कुमार शर्मा ; सिंगल बेंच सुधीर अग्रवाल आदेश को अप्रूव करते हुए 12 वे संसोधन का पक्ष लेते हुए शिव कुमार पाठक की याचिका को स्वीकार किया तथा सभी हो चुकी भर्तियो को सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग मामले के अंतिम आदेश के अधीन किया और हाई कोर्ट ने इस मामले से  अपना पल्ला झाड़ लिया है ।
आदेश 61 पेज का है। आदेश के मुख्य बिंदु :

🔆1) 15 वां संसोधन पर आधारित 16वां संशोधन को अवैध ठहराया है।

🔆2) टीईटी भारांक को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। 9B को ट्रिपल  बेंच शिवकुमार शर्मा केस के निर्णय अनुसार सही ठहराया 9बी को chalenge करनेवाली सभी याचिका को ख़ारिज कर दिया है ।

🔆3)शिवकुमार शर्मा ट्रिपल बेंच आदेशानुसार  सरकार को टीईटी भारांक देना बाध्यकारी है। सरकार ने टेट भारांक नही दिया है यह मनमानी है । जब 15 और 16 संसोधन ख़ारिज है तो टेट भारांक देना या न देना सरकार के ऊपर निर्भर है अर्थात हाई कोर्ट के ट्रिपल बेंच आदेश अनुसार टेट मार्क्स को इग्नोर नही किया जा सकता यह लागु होना चाहिए था । अर्थात हाई कोर्ट की शिव कुमार शर्मा आदेश अनुसार ncte की guideline 9बी अनुसार टेट वैटगेडेन होगा ।

सवाल यह उठता है की अगर बाध्यकारी है तो बाकि के नवोदय केंद्रीय  भर्तियो में अब तक क्यों लागु नही हुआ । यही हमारा बचाव पक्ष होगा । भर्ती हमारी ही नहीं पुरे देश की भर्ती प्रभावित होगी ।

🔆4) एनसीटीई गाइड लाइन अवैध नहीं है। यदि अवैध नही है तो उत्तर प्रदेश की ही भर्ती में मनमाना वेटेज की बात हो रही है जबकि अन्य केंद्रीय और नवोदय अदि जगहों पर भर्ती में अब तक वेटेज क्यों लागु नही । ncte पूर्णतया दोषी है इस मामले में ।

🔆5) बिना भारांक दिए की गई समस्त भर्ती अवैध हैं। यदि ऐसा है तो जो भर्ती सर्विस रूल पर है ही नहीं वह सुप्रीम कोर्ट कैसे अब तक करवा रही है । वह सभी भर्ती अवैध है जो नियम या सर्विस रूल को अनुकरण नही करते । अर्थात अब याचिका जो भी होगा हमे सुप्रीम कोर्ट में शिव कुमार पाठक केस मामले मअपने मामले को टैग करना होगा ।

🔆6) सुप्रीम कोर्ट का अंतिम आदेश आने तक जो भर्ती हो चुकी है यथास्थिति बरकरार रहेगी।

अकादमिक मेरिट समर्थकों के लिए, फ़िलहाल आदेश में कुछ भी सकारात्मक नहीं है।

साथियो अब यहाँ दमदार पैरवी और सुप्रीम कोर्ट के अनुभवी व्यक्ति की सलाह बहुत जरुरी है मुझे पूर्ण विश्वास है उत्तर प्रदेश की सभी भर्ती सेफ रहेगी यदि हम अपनी दमदारी सुप्रीम कोर्ट में रखेंगे तो निश्चित विजय मिलेगा । आज तक जितनी भर्ती हुयी है चाहे वह 72000 टेट मेरिट हो या 99000 अकादमिक मेरिट सभी अब बेसिक शिक्षा के अनसुलझे नियम कायदे के मकड़जाल में फस चुकी है । रहेगा तो सभी सेफ नही तो जो भर्ती सर्विस रूल पर नही वह कैसे पूरी हो रही है 1 ही अटल सत्य मूल विज्ञापन ।

साथियो मूल विज्ञापन बचाओ अभियान की इस लड़ाई में जो साथ देना चाहते है खुलकर वह साथ दे और पोस्ट में निचे समर्थन दे । अब हम सुप्रीम कोर्ट में आ रहे है अपनी खुद की भर्ती को सेफ करने हेतु । आजीविका मान सम्मान से कोई समझौता नहीं ।
जय हिन्द
अरबिन्द कुमार राय
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