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Sunday 19 February 2017

हेड मास्टरों के पास भी विभागाध्यक्षों की तरह अधिकार

हेड मास्टरों के पास भी विभागाध्यक्षों की तरह अधिकार

लखनऊ। परिषदीय स्कूल के हेड मास्टरों के पास भी विभागाध्यक्षों की तरह अधिकार होंगे। वे अपने अधीनस्थों की छुट्टियां मंजूर करने के साथ उनका कैरेक्टर रोल (सीआर) भी लिखेंगे। यह जिम्मेदारी अभी तक खंड शिक्षाअधिकारियों के पास है। इसके चलते शिक्षकों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। बेसिक शिक्षा परिषद चाहती है कि परिषदीय स्कूलों के हेड मास्टरों को इतना अधिकार दे दिया जाए कि अपने स्तर पर वे ही स्कूल चलाएं। इससे शिक्षण व्यवस्था में सुधार तो होगा ही, हेड मास्टरों की जवाबदेही भी तय हो जाएगी। उच्चाधिकारियों की बैठक में इस संबंध में सहमति बन चुकी है, बेसिक शिक्षा परिषद को इसके आधार पर प्रस्ताव भेजा जाना है। प्रस्ताव मिलने के बाद शासन स्तर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया जाएगा।

खंड शिक्षा अधिकारियों का खत्म होगा दखल.इससे शिक्षण व्यवस्था में सुधार होगा*

.हेड मास्टरों की जवाबदेही भी तय हो जाएगीप्रदेश में बेसिक शिक्षा का बहुत बड़ा दायरा है। इसके अधीन 1,54,272 प्राइमरीऔर 76,782 उच्च प्राइमरी स्कूल हैं। प्राइमरी में 1,85,729 तथा उच्च प्राइमरी में 1,06,089 शिक्षक हैं। इन स्कूलों में करीब सवा दो करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। परिषदीय स्कूलों में मानक के अनुसार शिक्षक नहीं हैं। इसके चलते कम शिक्षकों के सहारे काम चलाया जा रहा है। इस स्थिति में हेड मास्टर से मंजूर कराए बिना यदि शिक्षकों ने छट्टी ले ली तो स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होती है। इसलिए उच्चाधिकारियों की बैठक में इस पर विचार-विमर्श किया गया कि स्कूल के हेड मास्टर को यदि छुट्टी मंजूर करनेऔर सीआर लिखने का अधिकार दे दिया जाए तो उनके अधीन काम करने वाले शिक्षक मनमानी नहीं कर पाएंगे। शिक्षक उनसे डरेंगे और उनकी अनदेखी नहीं कर पाएंगे। अभी खंड शिक्षा अधिकारियों के पास यह अधिकार होने की वजह से शिक्षक हेड मास्टरों को अधिक अहमियत नहीं देते हैं। इसलिए वे चाहकर भी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं ला पाते। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद खंड शिक्षा अधिकारियों के पास शिक्षकों के वेतन और निरीक्षण संबंधी काम ही रह जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारी यह बहाना नहीं बना पाएंगे कि काम अधिक होने से वे स्कूलों का निरीक्षण नहीं कर पाते हैं।

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