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Friday, 19 May 2017

तृतीय फेस (अंतिम चरण) : यूपी बेसिक नियमावली 1981 के संशोधन 15 एवं 16 की बहाली की मांग वाली याचिका की सुनवायी आज

😈
तृतीय फेस (अंतिम चरण) :
यूपी बेसिक नियमावली 1981
के संशोधन 15 एवं 16 की बहाली की मांग वाली याचिका की सुनवायी आज होगी ।

पहले रूल समझिए :

विवाद रूल 14(3) पर :
संशोधन 12 (टीईटी मेरिट)
संशोधन 15 रूल 14(3) पर (अकादमिक मेरिट प्रशिक्षण अंक 12 6 3)
संशोधन 16 रूल 14(3)(B) के रूप में (अकादमिक मेरिट बीएड 30 )
संशोधन 12 दिनांक 9 नवंबर 2011 को हुआ और दिनांक 31 अगस्त 2012 को खत्म हो गया ।
संशोधन 15 दिनांक 31 अगस्त 2012 को रूल 14 (3) पर आया चयन के लिए अपेंडिक्स प्रथम बना ।
संशोधन 16 दिनांक 5 दिसंबर 2012 को आया और रूल 14(3) को तीन भागों में बांट दिया गया तथा अपेंडिक्स दो का निर्माण हुआ ।
14(3)(A) वही संशोधन 15 का अपेंडिक्स एक रख दिया गया । इसी को 99132 वाले चयनित कहते हैं कि हम संशोधन 16 से नियुक्त हैं , जबकि सबकि संशोधन 16 से कोई भी नियुक्त नही है क्योंकि यह तो संशोधन 15 जो कि दिनांक 31 अगस्त 2012 को आया था वही अपेंडिक्स है ।
14(3)(B) बीएड के लिए संशोधन 16 से अपेंडिक्स दो बना । बीएड 30 परसेंट ।
14(3)(C) बीएड वालों के छह महीने के प्रशिक्षण के बाद परीक्षा में असफल कैंडिडेट को अगले चरण की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर सबसे ऊपर जगह दी जाएगी ।
यह तो रूल की बात थी अब मुक़दमें पर चलते हैं ।
पुराना विज्ञापन 72825 दिनांक 30 नवंबर 2011 रूल पर नही था , वह उस तरह का विज्ञापन था जैसे सर्विस रूल होने के बावजूद शिक्षामित्र संविदाकर्मी के रूप में रखे जा रहे थे उनका रूल से संबंध नही था ।
एकल बेंच ने सरकार ने विज्ञापन रद्द करवा दिया तथा जिन लोगों ने उसे बहाल करने की मांग की उनकी याचिका यह कहकर खारिज कर दी कि विज्ञापन रूल पर नही था , अतः बहाल नही होगा ।
पुराने विज्ञापन के समर्थक खंडपीठ में गये तो खंडपीठ ने जबरन रूल और विज्ञप्ति का मिलान किये बगैर विज्ञप्ति को रूल पर बताकर बहाल कर दिया जबकि याची खुद कह रहा था कि उसका विज्ञापन रूल पर नही है ।
खंडपीठ को ज्ञात था कि विज्ञापन रूल पर नही है, जबकि संशोधन 15 से 9970 और 10800 भर्ती SBTC / BTC की सम्पन्न हो चुकी थी और 10000 SBTC/BTC, 4280 उर्दू मोअल्लिम और 29334 गणित विज्ञान का शासनादेश जारी हुआ था ।
उसके बावजूद 72825 ओल्ड ऐड सम्पन्न कराने के लिए नियमावली के संशोधन 15 को अल्ट्रावायरस कर दिया ।
इन सभी भर्तियों के चयनितों को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था मगर ये लोग सरकार के भरोसे सोते रहे और सरकार आज की तिथि में अपनी याचिका बचा नही पाई है ।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने 72825 को हरी झंडी दी ।
सरकार 72825 करने के साथ संशोधन 15 से इन भर्तियों को सम्पन्न करने के बाद 15000 और 16448 भर्ती और कर डाली ।
15000 में जिनका चयन नही हुआ उन्होंने हाई कोर्ट में मुद्दा उठाया कि संशोधन 15 रद्द है फिर भी सरकार भर्ती कर रही है ।
29334 गणित विज्ञान के चयनित दीपक शर्मा ने कोर्ट को बताया कि संशोधन 15 रद्द है लेकिन उनकी भर्ती संशोधन 16 से है, संशोधन 16 रद्द नही है ।
जस्टिस श्री सुधीर अग्रवाल ने कहा कि रूल 14 (3) का संशोधन 15 और रूल 14(3)(A) का संशोधन 16 एक ही है अतः उसे भी रद्द माना जायेगा ।
जस्टिस श्री अग्रवाल ने चयन सूची रद्द करके पुनः नया चयन का आधार बनाकर उससे भर्ती करने को कहा ।
दीपक शर्मा खंडपीठ गये और कोर्ट से कहा कि संशोधन 16 को रद्द करने का अधिकार सिंगल जज को नही है ।
CJ श्री धनञ्जय चंद्रचूड़ ने सिंगल जज के फैसले पर रोक लगा दी ।
उसी आदेश में सिंगल जज ने कहा था कि सरकारी कर्मचारी के बच्चे प्राइमरी में पढ़ेंगे उसपर भी रोक लगा दी थी ।
दीपक शर्मा को डॉ० साहब से मुकदमा निपटवाना चाहिए था मगर डॉ० साहब सुप्रीम कोर्ट चले गये ।
चीफ जस्टिस श्री DB भोसले ने मुकदमा निपटाया तथा कहा कि संशोधन 15 रद्द है और वही संशोधन 16 भी है अतः उसे भी रद्द कर देता हूँ ।
संशोधन 15 की बहाली की मांग सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है ,अतः दीपक शर्मा की याचिका को स्वीकार कर लेता हूँ और नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधीन रहेगी ।
दीपक शर्मा आदि वहां अपना पक्ष रखें ।
सभी ने उक्त आदेश को चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया ।
आज उसी संशोधन 15 और 16 कि बहाली की मांग होगी ।
भानु यादव का विज्ञापन रूल 14(3)(B) के तहत 16वें संशोधन से आया था अतः उन्होंने भी संशोधन 16 के प्रथम अपेंडिक्स की बहाली के बाद संशोधन 16 से जारी बीएड के विज्ञापन को भी पूरा करने की मांग की है ।
भानु यादव के अनुसार जब संशोधन 15 को कोर्ट द्वारा रद्द करने को जब संशोधन 15 से ही चयन पाने वाले नही मान रहे हैं और खुद को संशोधन 16 का चयनित बता रहे हैं तो उनका ( भानु का ) तो विज्ञापन खुलेआम संशोधन 16 पर है ।

जज की मानसिकता :

जस्टिस श्री UU ललित टीईटी वेटेज को राज्य पर बाध्यकारी नही मान रहे हैं, उनके अनुसार यह राज्य का मामला है तो जस्टिस श्री गोयल का मानना है कि टीईटी वेटेज भी तो न्यूनतम योग्यता में शामिल होगी ।
NCTE के जवाब से मामला स्पष्ट हो जाएगा ।
निष्कर्ष : जो भी भर्ती रद्द होगी तब सम्पूर्ण रिक्त शीटों पर खुली भर्ती होगी ।
जो भर्ती रद्द न हुई उसमें जो भी याची आदि के बहाने घुस गये तो घुस गये ।

(सोशल मीडिया से साभार)

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