Welcome to BASIC KA TEACHER.COM

Translate

Thursday 11 May 2017

सेटेलाइट से जुड़ेंगे परिषदीय विद्यालय

सेटेलाइट से जुड़ेंगे परिषदीय विद्यालय

जल्द सेटेलाइट से जुड़ेंगे सभी परिषदीय विद्यालय, अच्छी खबर


परिषदीय विद्यालयों की जीआईएस मै¨पग के लिए अक्षांश व देशांतर को परियोजना कार्यालय को भेज दिया गया। नेटवर्क दिक्कत के कारण केवल 74 स्कूल इससे वंचित हुए हैं। जगदीश शुक्ला, बीएसए
महराजगंज निज संवाददाता बेसिक शिक्षा परिषद व उससे जुड़े स्कूलों को हाईटेक करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सर्वशिक्षा अभियान के तहत बेसिक शिक्षा विभाग अपने सभी स्कूलों का जियोग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम (एमआईएस) मैप बनवा रहा है। इसके जरिए अब परिषदीय स्कूलों की भौगोलिक जानकारी लेनी आसान होगी। कौन स्कूल राजधानी से कितनी दूर कहां पर स्थित है? एक क्लिक करते ही जानकारी मिल जाएगी। सर्वशिक्षा अभियान के तहत जीआईएस मै¨पग के लिए 3449 स्कूलों में से 3375 का अक्षांश (लेटीट्यूड) एंड देशांतर (लोगीट्यूड) की सूचना बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य परियोजना कार्यालय को भेजी है। परियोजना कार्यालय लखनऊ एनआईसी से परिषद से जुड़े सभी स्कूलों का एमआईएस मैप बनवाएगा। जिले में बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े 3449 विद्यालय हैं। इसमें प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय के अलावा मान्यता प्राप्त निजी स्कूल व मदरसे भी शामिल हैं। इनकी भौगोलिक स्थिति जानने के लिए सर्वशिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय के निर्देश पर अक्षांश व देशांतर लेकर विभाग ने भेज दिया है। इससे विद्यालयों की लोकेशन देश के किसी भी हिस्से से आसानी से जानी जा सकेगी। बीएसए जगदीश शुक्ला ने सभी बीईओ को विद्यालयों की जीआईएस मै¨पग के लिए अक्षांश व देशांतर को यू-डायस पर भरने का निर्देश दिया था, जिसमें 3375 स्कूलों का काम पूरा हो गया है। डिजिटल इंडिया की पहुंच से दूर हैं 74 स्कूल: बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े स्कूलों को जियोग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम से जोड़ने के लिए एंड्रायड फोन के प्ले स्टोर से एप डाउनलोड कर गुरुजी अपने-अपने स्कूलों का अक्षांश एवं देशांतर ले रहे हैं, लेकिन जिले में 74 विद्यालय ऐसे हैं जो डिजिटल इंडिया की पहुंच से दूर हैं। इनमें मोबाइल फोन खिलौना सरीखा है। विद्यालय पर रहते हुए उससे न तो बात हो पाती है और ना ही इंटरनेट के जरिए किसी विभागीय सूचना की जानकारी शिक्षक ले पाते हैं। नेपाल बार्डर व सोहगीबरवा जंगल के चलते जिले के 74 विद्यालय किसी भी दूर संचार कम्पनी के नेटवर्क की जद से बाहर हैं।

No comments:

Post a Comment