पोस्ट में दम है जरूर पढ़िए
एक बार जो बाहर जायेगा वो हमेशा के लिए जायेगा कभी दोबारा भर्ती नही होगी।
▪नामांकन आधार कार्ड से लिंक होगा जुलाई तक।
▪वास्तविक छात्र संख्या औसतन 60% है।
▪वर्तमान में छात्र नामांकन 1 करोड़ 65 लाख है।
▪आधार कार्ड से लिंक होते ही छात्र नामांकन अप्परोक्सिमटेली 1 करोड़ रह जायेगा।
▪rte एक्ट के अनुसार यदि 30:1 का छात्र-शिक्षक अनुपात के हिसाब से शिक्षको की संख्या यदि कैलकुलेट की जाये तो लगभग 3 लाख 33 हज़ार (अप्परोक्सिमटेली 3.5 लाख) रह जायेगी।
▪आज की तारीख में वर्तमान में क़रीब 5 लाख 85 हज़ार शिक्षक तैनात हैं।
▪आधार कार्ड से छात्र नामांकन लिंक होने पर या यूँ कह लीजिये वास्तविक नामांकन 1 करोड़ होने पर rte एक्ट के हिसाब से जितने शिक्षको की ज़रूरत यूपी में रह जायेगी उनकी संख्या सिर्फ 3 लाख 50 हज़ार होगी।
▪बाक़ी 2 लाख 35 हज़ार शिक्षक सरप्लस हो जायेंगे।
▪इतने सारे सरप्लस शिक्षको को सरकार बाहर नही निकाल सकती अन्यथा वोट बैंक कम हो जायेगी। और मुफ्त में तनख्वाह देगी नही सरकार ।
▪शिक्षामित्र और अकैडमिक को बाहर करके सरप्लस शिक्षको को ठिकाने लगाने का काम कोर्ट कर देगी।
▪सरप्लस कर्मचारियों को सरकार मुफ्त में बैठकर तनख्वाह तो देने से रही। इसलिए दोबारा भर्ती न करने के पीछे सरकार का बहाना रहेगा के जब छात्र ही नही तो फ़ालतू में शिक्षको को क्यों भर्ती करना।
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