Welcome to BASIC KA TEACHER.COM

Translate

Wednesday 3 May 2017

निरहुआ क्रन्तिकारी 'विद्रोही' की याचियों और शिक्षामित्रों पर दो टूक

निरहुआ क्रन्तिकारी 'विद्रोही' added 4 new photos — with Ganesh Dixit and 5 others .
>>> याचियों और शिक्षामित्रों पर दो टूक <<<
.
साथियों !
आज शिक्षामित्रों के समायोजन का मामला 'ज्यूडिशियल स्लाटर हाउस ऑफ़ सुप्रीम कोर्ट' के कसाई के रूप में त्वरित एवं कठोर न्यायपरक निर्णय लेने के लिए विख्यात जस्टिस आदर्श कुमार गोयल जी के समक्ष लगभग पूरे दिन रखा गया,,, देश के टॉप टेन लॉयर्स द्वारा शिक्षामित्रों के समायोजन को वैध साबित करने हेतु तमाम प्रकार के मानवीय पहलुओं,दलीलों,विशेषाधिकारों और भ्रामक सूचनाओं को आधार बनाकर पेश किये जाने के बाबजूद कोर्ट का रुख इन सबसे इतर असहमत ही रहा,,,किन्तु बड़े वकीलों ने जिस तरह दिनभर गोल-गोल जलेबी बनाते हुए जस्टिस गोयल साहब को इस तरह प्रभावित किया है कि कार्यवाही खत्म होने तक जस्टिस गोयल साहब किसी भी निर्णय पर नहीं पहुँच पाये जबकि इनके पिछले रिकार्ड को देखा जाय तो यह उनकी कार्यशैली से कतई अलग है,,,आज दिनभर की कार्यवाही को देखते हुए मेरा अनुभव यह कहता है कि कहीं ना कहीं अब याची बन्धुओं के लिए खतरे की घण्टी तैयार हो रही है,,,एक न्यायाधीश जब मानवीय पहलुओं पर सोचना शुरू करता है तो नैचुरल जस्टिस के अधीन सब कुछ उसके दायरे में आने लगता है,,,यहाँ मुकाबला अब 15 साल से रोजी रोटी का प्रश्न बनाये डेढ़ लाख परिवारों और
याचियों (जिन्हें अभी विभाग द्वारा ना कोई आश्वासन और ना कोई नियुक्ति मिली है) उनके बीच का है,,,शिक्षामित्रों को बाहर किये जाने का मतलब होगा कि उनसे उनकी रोटी 'छीनी' गयी जबकि याचियों को अभी रोटी मिली ही नहीं तो छीने जाने का प्रश्न ही नहीं बनता,,,,आज की सुनवायी को अपने मनमुताबिक प्रस्तुत कर याची नेता भले ही क्षणिक वाहवाही लूट रहे हों लेकिन यह कठोर सत्य है कि जस्टिस गोयल साहब जैसे जज की बेंच में लगातार दो दिन की सुनवाई में खुद के समायोजन को निरस्त करने वाले आदेश को रोक लेना ही शिक्षामित्रों के लिए आधी से ज्यादा फतेह मानी जायेगी,,, याची साथियों के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है लेकिन अगर जॉब ना मिली तो मेरी इस सहानुभूति को लेकर कोई ओढ़ेगा या दसायेगा ??
याची साथियों !!
समय बहुत कम और विकट है,,,अपने-अपने पैरवीकारों के हाथ मजबूत कीजिये और उनपर दबाव बनाइये कि आपकी बारी आने पर मजबूती से पक्ष रखें अन्यथा यह निश्चित है कि शिक्षामित्रों का समायोजन वैध करार होने की दशा में याची लाभ असम्भव हो जाएगा,,,जो साथी इस खुशफहमी में हैं कि शिक्षामित्रों के आधार पर उन्हें भी नियुक्ति लाभ मिल जायेगा तो वे सरासर गलत दिशा में सोच रहे हैं, बी0टी0सी0 अभ्यर्थी भी लाइन में लगे हैं और उनका भी अपना पक्ष है,अतः बिना सीट वैकेंट किये आपको शामिल करना मजश्किल ही नहीं नामुमकिन है,,अमूमन मैं याची साथियों के लिए कभी लिखता नहीं किन्तु आज इन याची साथियों का लंबा संघर्ष अंत समय की परीक्षा घड़ी में दिशाहीन हुआ जा रहा है अतः मन के आवेग को रोकना मुश्किल हो उठा है,,,लगातार सुनवाई सिर्फ शिक्षामित्र मामले की ही नहीं बल्कि अन्य मामलों की भी होगी अतः कल भर का समय और बाकी है वक्त मुकाबले का है,करो या मरो का है,,, जेठमलानी और सिब्बल के मुकाबले कोई दमदार महारथी उतारिये मैदान में और पूरी तैयारी से उतारिये अन्यथा बाद में यही कहेंगे कि -''हाथ को आयी लेकिन मुँह ना लगी",,,,
खुशफहमी पालने के और भी मंजर आएँगे लेकिन आज मुझे गलत बताने से पहले याची भाई अपने-अपने पैरवीकारों की सुनें और उनके हाथ बेशक जल्द मजबूत करें,,,जय हिंद।।

No comments:

Post a Comment