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Wednesday 24 January 2018

दंपती के पेंच से अंतर्जनपदीय तबादलों पर संकट: सभी शिक्षिकाओं की जगह सिर्फ याचियों को देने की तैयारी

दंपती के पेंच से अंतर्जनपदीय तबादलों पर संकट: सभी शिक्षिकाओं की जगह सिर्फ याचियों को देने की तैयारी

 Education Department
इलाहाबाद : परिषदीय शिक्षकों के अंतर जिला तबादलों पर रोक लगने के आसार बढ़ गए हैं। यह नौबत दंपती के तबादलों का पेंच फंसने से आ रही है। शासन व शिक्षा विभाग पदस्थापन के नियम को शासनादेश के जरिये बदलने पर आमादा है और सभी शिक्षिकाओं की जगह सिर्फ याचियों को विशेष परिस्थिति लाभ देने की तैयारी
चल रही है। इसकी आहट पाकर हाईकोर्ट में डेढ़ सौ से अधिक नई याचिकाएं दाखिल हो गई हैं। विभाग का मौजूदा रवैया बना रहा तो समायोजन, जिले के अंदर तबादलों के बाद अब अंतर जिला तबादलों पर भी संकट गहराएगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादले के लिए शासन ने 13 जून, 2017 को आदेश जारी किया था। इसमें सेवा अवधि को पांच वर्ष कर दिया गया। सरकारी सेवा वाले पति-पत्नी यानि दंपती को भी इस समय सीमा से राहत नहीं दी गई। इसके विरोध पर शासन ने दिव्यांग व सैनिकों की पत्नियों को विशेष स्थिति का लाभ देते हुए समय सीमा से छूट दी, बाकी के लिए पांच वर्ष की मियाद बरकरार रही। इस पर हाईकोर्ट में करीब साढ़े तीन सौ याचिकाएं दाखिल हुईं। कोर्ट ने सभी याचिकाएं स्वीकार करके विभाग को निर्णय लेने का निर्देश दिया। कोर्ट ने विभा कुशवाहा की याचिका पर कहा कि विभाग में पदस्थापन के नियम साफ है उसकी व्याख्या की जरूरत नहीं है। राज्य कर्मचारियों की तबादला नीति में पति-पत्नी के बारे में स्पष्ट नियम है, किंतु 2008 की नियमावली के नियम आठ डी के तहत महिला शिक्षिका के सास ससुर को भी शामिल किया गया है। कोर्ट से महिला अध्यापिकाओं ने पति या सास व ससुर के नजदीक तबादले की मांग की। कोर्ट ने कहा कि यह अर्जी विचारणीय है, भले ही वह शासनादेश के विपरीत हो। स्पष्ट निर्देश के बाद भी शासन इन मामलों को निस्तारित करने में टालमटोल करता रहा। परिषद ने 29 नवंबर, 13 दिसंबर, 2017 व तीन जनवरी और 17 फरवरी 2018 को सभी याचिकाएं शासन निर्णय करने के लिए भेजी। अंतर जिला तबादला प्रक्रिया 16 जनवरी से शुरू हुई, तब तक शासन ने चुप रहा। 18 जनवरी को शासन ने निदेशक बेसिक शिक्षा को निर्देशित किया कि विशेष परिस्थति का लाभ देने का परीक्षण किया जाए।

Wednesday 17 January 2018

हिमांशु राणा ने भी यू पी शिक्षक ट्रांसफर नीति पर रोष जाहिर किया

हिमांशु राणा ने भी यू पी शिक्षक ट्रांसफर नीति पर रोष जाहिर किया- सरकार पति पत्नी को भी 5 वर्ष नियम बाध्यता की बात कह ट्रांसफर देने से इनकार कर रही, कोर्ट के आदेश को रोक नही सकी और अब उसका पालन भी नहीं कर रही -
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हिमांशु राणा ने भी यू पी शिक्षक ट्रांसफर नीति पर रोष जाहिर किया- सरकार पति पत्नी को भी 5 वर्ष नियम बाध्यता की बात कह ट्रांसफर देने से इनकार कर रही, कोर्ट के आदेश को रोक नही सकी और अब उसका पालन भी नहीं कर रही  

सरकार का जनसंख्या नियंत्रण formula 😂😂😂😂😂

चाहे शादी कर लिए हो या करने वाले हो पाँच वर्ष तक अपनी जगह से नहीं हिलोगे 😜😜😜

हर हर महादेव 🚩🚩🚩🚩🚩

मैं तो उन ज्ञापन एवं विज्ञापनों का सोच रहा हूँ जिन्हें देकर मामले को निबटा दिया गया था | 
इसी के साथ नव-नियुक्त शिक्षक पुरानी पेंशन का भी मज़ा ले ही लेंगे | 
नि: शब्द आपके प्रयासों को देखकर 
😷😷😷😷😷😷😷

Note :- कोई पीड़ित हो तो उत्तरप्रदेश नियमावली - 2008 ट्रान्स्फ़र में प्रावधानों को पढ़े और इसको चैलेंज कर सकता है | उससे पूर्व अपना प्रेज़ेंटेशन मा० मुख्यमंत्री महोदय के साथ साथ सचिव बेसिक शिक्षा, उत्तरप्रदेश शासन , लखनऊ , निदेशक ,बेसिक शिक्षा , उत्तरप्रदेश शासन , लखनऊ , सचिव , बेसिक शिक्षा परिषद को भेज दें जिसमें नियमावली के 8 (2) d क्लोज़ का उल्लेख करते हुए ट्रान्स्फ़र की माँग करे अन्यथा की स्थिति में एक माह के भीतर विधिक कार्यवाही का हवाला दें जिसमें याचिका संख्या writ A - 30808/2017 में हुए आदेश को अवश्य लगाएँ लेकिन पोलिसी मेटर है तो शासन से एक बार वार्ता अत्यंत आवश्यक है इस मुद्दे पर —>
 तो जनसभा में एक बार मुख्यमंत्री जी को एक हज़ार अप्लिकेशन भिजवा दो तब इन्हें समझ आए |

9892 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती, लिखित परीक्षा के आधार पर ही होगी यह शिक्षक भर्ती, आवेदन लिए जाएंगे

9892 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती, लिखित परीक्षा के आधार पर ही होगी यह शिक्षक भर्ती, आवेदन लिए जाएंगे

डाइट लेक्चररों की भर्ती का मामला भी लटका पड़ा है

राज्य ब्यूरो इलाहाबाद : प्रदेश के राजकीय इंटर कालेजों में 9892 एलटी ग्रेड शिक्षकों (सहायक अध्यापक) की भर्ती का पाठ्यक्रम उप्र लोकसेवा आयोग में बनकर तैयार हो गया है। शासन में पाठ्यक्रम भेजकर इसका अनुमोदन मिलने के बाद आवेदन लिए जाएंगे। पहले यह परीक्षा मेरिट के आधार पर प्रस्तावित थी लेकिन, अब आयोग से
लिखित परीक्षा होगी।
अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक के नेतृत्व में बनी कमेटी को पहले यह परीक्षा मेरिट के आधार पर कराने की जिम्मेदारी सपा शासन में मिली थी। कुल 9342 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन 26 दिसंबर 2016 से 26 जनवरी 2017 तक मांगे गए थे। इस बीच विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही परीक्षा की प्रक्रिया थम गई और प्रदेश में नई सरकार बनते ही इस पर रोक भी लगा दी गई। इसके बाद प्रदेश सरकार ने एलटी ग्रेड शिक्षकों का चयन मेरिट से न कराकर आयोग से लिखित परीक्षा के आधार पर कराने का फैसला किया। 31 मार्च 2017 तक कई शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने पर उनके खाली पदों पर भी रिक्तियां भरने को जोड़ते हुए पदों की संख्या बढ़ाकर 9892 कर दी गई। आयोग में इस परीक्षा के लिए पिछले साल से ही बनाया जा रहा पाठ्यक्रम पूरा होने को है। सचिव जगदीश ने बताया कि पाठ्यक्रम पर शासन से अनुमोदन मिलते ही आवेदन पत्र मांगे जाएंगे। कोशिश होगी कि परीक्षा समय पर हो।

दिसंबर में ही होनी थी परीक्षा : शासन से 9892 पदों का अधियाचन मिलने के बाद आयोग को यह परीक्षा दिसंबर 2017 में ही करानी थी लेकिन, पाठ्यक्रम में लेटलतीफी के चलते परीक्षा 2018 में कराने की रणनीति बनी और छह मई को इसकी तारीख घोषित की गई।

नए सिरे से लिए जाएंगे आवेदन : सपा शासनकाल में विज्ञापन जारी कर आवेदन पत्र आमंत्रित किए थे जिसमें सवा पांच लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। अब आयोग की ओर से हो रही परीक्षा में नए सिरे से विज्ञापन जारी करने के बाद आवेदन लिए जाएंगे। कक्षा छह से 10 तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती आयोग से पहली बार होने जा रही है

_वित्तीय वर्ष 2017-18 इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ी पूरी जानकारी_

*_वित्तीय वर्ष 2017-18 इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ी पूरी जानकारी_*



टेक्स  स्लैब-
250000/-  =             Nil
251000-500000  =   5%
500001-1000000= 20%
10लाख से अधिक    =30%
*वेतन एवम् भत्ते जो आयकर के अंतर्गत है:-*
*मूल वेतन
*महंगाई भत्ता
*विशेष भत्ता
*बोनस
*एरियर
*फ़ूड/मेस भत्ता
*हार्ड ड्यूटी
*आंशिक टेक्सबल भत्ते*
*चिकित्सा पुनर्भरण 15000/- वार्षिक तक
*मकान किराया भत्ता(HRA)
*ट्रांसपोर्ट भत्ता 1600 महीना तक
*LTA
*टेक्स फ्री भत्ते*
*Newspaper/Journal All. Up to 12000/-par year
*टेलीफोन/मोबाइल भत्ता ऑफिस काम आने वाला
भोजन कूपन 2200 हर माह

👉 *इनकम टैक्स रिटर्न*
देश के हर टैक्सपेयर की यह ड्यूटी है कि वह इनकम टैक्स विभाग को हर फाइनैंशल इयर के अंत में उस फाइनैंशल इयर में हुई आमदनी का ब्योरा दे। यह ब्योरा उसे विभाग द्वारा तय फॉर्म में भरकर देना होता है। इस *फॉर्म के जरिये दी गई पूरी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न* कहलाती है।

👉 *फाइनैंशल इयर*
1 अप्रैल से 31 मार्च तक के समय को फाइनैंशल इयर कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर *1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 तक* के समय को फाइनैंशल इयर 2017-18 कहा जाएगा।

👉 *असेसमेंट इयर*
असेसमेंट इयर फाइनैंशल इयर से आगे वाला साल होता है, जिस साल उस फाइनैंशल इयर के टैक्स संबंधी मामलों का आकलन किया जाता है। मसलन *फाइनैंशल इयर 2017-18के लिए असेसमेंट इयर 2018-19* होगा

👉 *डिडक्शंस*
विभिन्न तरह के इन्वेस्टमेंट पर इनकम टैक्स विभाग की ओर से आपको टैक्स में छूट मिलती है। ये कई तरह के आइटम होते हैं, जहां *इन्वेस्टमेंट करके टैक्स में छूट हासिल की जा सकती है। मसलन सेक्शन 80सी से सेक्शन 80यू तक जो भी आइटम हैं, उन्हें डिडक्शन के तहत* माना जाता है।

👉 *ग्रॉस इनकम*
टैक्स फ्री आमदनी और भत्तों को छोड़कर आपकी साल की कुल आमदनी जो भी है, उसे ग्रॉस इनकम कहा जाता है। *ग्रॉस इनकम हमेशा 80 सी से 80 यू तक मिलने वाले डिडक्शन से पहले वाली इनकम* होती है।

👉 *टैक्सेबल इनकम*
ग्रॉस इनकम में से *80 सी से 80 यू तक मिलने वाले डिडक्शन क्लेम कर लेने के बाद जो इनकम आती है, उसे टैक्सेबल इनकम कहते हैं।* यानी डिडक्शन से पहले वाली इनकम ग्रॉस इनकम और डिडक्शन के बाद वाली इनकम को टैक्सेबल इनकम कहते हैं।

👉 *टीडीएस*
आपकी जो भी आमदनी होती है, सरकार उस पर टैक्स काटती है। इसे *टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स* कहा जाता है। जो संस्था आपको पेमेंट कर रही है, वही टैक्स की इस रकम को काटकर बाकी रकम आपको पे करती है।  टीडीएस काटने का काम एंम्प्लॉयर या पेमेंट करने वाली संस्था का है।

👉 *इनकम टैक्स रिफंड*
अगर किसी टैक्सपेयर ने सरकार को ज्यादा टैक्स दे दिया है, तो वह उस रकम को सरकार से वापस ले सकता है। इस वापस आई रकम को ही रिफंड कहा जाता है। *टैक्स रिटर्न भरकर आप इस एक्स्ट्रा रकम को इनकम टैक्स विभाग से क्लेम करते हैं। इसके बाद रिफंड की यह रकम आपको इनकम टैक्स विभाग की ओर से आपके अकाउंट में* भेज दी जाती है।

👉 *फॉर्म 16*
*_अगर आप कहीं नौकरी करते हैं तो आपका एम्प्लॉयर आपको एक फॉर्म 16 देता है। यह फॉर्म अब तक आपके एम्प्लॉयर ने आपको दे दिया होगा। यह इस बात को साबित करता है कि एम्प्लॉयर ने आपकी सैलरी से अगर टैक्स बनता है, तो टीडीएस काटा है। इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक हर एम्प्लॉयर के लिए जरूरी है कि वह फॉर्म 16 अपने कर्मचारियों को दे। अगर आपका एम्प्लॉयर आपको यह फॉर्म नहीं दे रहा है तो आप इसकी रिक्वेस्ट उसे रजिस्टर्ड डाक से भेजें और इसका सबूत अपने पास रखें। इनकम टैक्स विभाग के पूछताछ करने पर यह सबूत दिखाया जा सकता है।_*

👉 *फॉर्म 16 A*
अगर *सैलरी के साथ-साथ दूसरे जरियों से भी आपको आमदनी हुई हो और उस पर टीडीएस कट चुका हो तो उस संस्था से भी टीडीएस सर्टिफिकेट ले लें। इस सर्टिफिकेट को ही फॉर्म 16ए* कहा जाता है। यहां हम रेंटल इनकम, शेयर, एफडी वगैरह से होने वाली इनकम की बात कर रहे हैं। एफडी के मामले में आपका बैंक आपको यह सर्टिफिकेट देगा।

👉 *फॉर्म 26 AS*
फॉर्म *26एएस एक कंसॉलिडेटेड टैक्स स्टेटमेंट* है। इसमें खासतौर से तीन तरह के ब्योरे होते हैं। पहला टीडीएस का ब्योरा, दूसरा टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स का ब्योरा और तीसरा टैक्सपेयर द्वारा बैंक में जमा कराया गया एडवांस टैक्स/सेल्फ असेसमेंट टैक्स का ब्योरा। फॉर्म 26 एएस से आप यह पता लगा सकते हैं कि कंपनी या बैंक ने आपका जो टीडीएस काटा है, उसे सरकार के पास जमा कराया भी है या नहीं। इस टीडीएस का ब्योरा आप दो तरह से देख सकते हैं।
पहले incometaxindiaefiling.gov.in* पर जाएं। अगर आप पिछले सालों में रिटर्न भर चुके हैं तो आपके पास यूजर नेम और पासवर्ड होगा। इसी से लॉग-इन करें। अगर पहली बार रिटर्न भर रहे हैं तो Register Yourself पर जाकर रजिस्टर करें। यूजर नेम आपका पैन नंबर होता है और पासवर्ड आप खुद जेनरेट करेंगे। लॉग-इन करने के बाद View Form 26 AS पर क्लिक करें। अगर आप नेट बैंकिंग इस्तेमाल करते हैं तो बैंक की वेबसाइट पर जाकर View Your Tax Credit पर क्लिक करके फॉर्म 26 एएस देख सकते हैं, लेकिन इससे केवल उस बैंक में चल रही आपकी एफडी, सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज आदि का ही पता चलेगा।

*7 टॉप गलतियां जो हम कर जाते हैं...* 🤔

*1. रिटर्न फाइल न करना*
चूंकि *आप पर टैक्स की कोई देनदारी नहीं है, इसलिए आपको रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है, अगर आपकी ऐसी सोच है तो आप गलत हैं।* रिटर्न भरने से आजादी सिर्फ उन लोगों को है, जिनकी सालाना ग्रॉस इनकम बेसिक एग्जेंप्शन लेवल से कम है। 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए यह सीमा ढाई लाख रुपये है, 60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम उम्र के बुजुर्गों के लिए 3 लाख रुपये है और 80 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए 5 लाख रुपये है। जिस किसी की भी आमदनी इससे ज्यादा है, उसे रिटर्न भरना अनिवार्य है।

*2. गलत फॉर्म चुनना*
किसे कौन-सा फॉर्म भरना है, इसके लिए बाकायदा नियम हैं। कई बार लोग गलत फॉर्म का चुनाव कर लेते हैं। अपनी *कैटिगरी के हिसाब से सही रिटर्न फॉर्म चुनें* और उसे ही भरें।

*3. खाली फॉर्म पर साइन*
जो लोग किसी एजेंट के जरिए रिटर्न भरते हैं, वे अक्सर खाली रिटर्न फॉर्म पर दस्तखत करके एजेंट को दे देते हैं। एजेंट बाद में उस फॉर्म को भरकर जमा कर देता है। खाली फॉर्म पर दस्तखत न करें। फॉर्म भरने में एजेंट से गलती हो गई तो आपको दिक्कत होगी। *भरे हुए रिटर्न फॉर्म पर एक नजर डाल लेने के बाद ही उस पर साइन* करें।

*4. नंबरों पर ध्यान*
रिटर्न फॉर्म में पैन, आईएफएस कोड, अकाउंट नंबर, एम्प्लॉयर का टैन जैसी कुछ फिगर्स ऐसी होती है जिन्हें भरते वक्त गलती होने की आशंका रहती है। इन नंबरों को ध्यान से भरें। फर्ज करें *अगर आपने अपने पैन की एक डिजिट भी गलत भर दी, तो इनकम टैक्स विभाग आपके ऊपर जुर्माना* लगा सकता है।

*5. फॉर्म 16 न लेना*
अगर आपने फाइनैंशल इयर के दौरान नौकरी बदली है तो अपने दोनों एम्प्लॉयर से *फॉर्म 16 जरूर ले लें।* अपने पहले एम्प्लॉयर के साथ काम के दौरान की गई सेविंग्स और उससे हुई आमदनी अगर आपने अपने नए एम्प्लॉयर को नहीं बताई है तो हो सकता है, वह कम टैक्स काटे और बाद में आपको कम काटा गया टैक्स ब्याज सहित भरना पड़े।

*6. ब्याज न बताना*
कई बार लोग फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज का जिक्र अपने इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं करते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि बैंक ने टीडीएस तो काट ही लिया है इसलिए उस आमदनी को आईटीआर में दिखाने की अब उन्हें कोई जरूरत ही नहीं रह गई है। यह धारणा पूरी तरह से गलत है।

*7. इनकम की क्लबिंग को नजरंदाज करना*
कई लोग पत्नी और बच्चों के नाम से भी इन्वेस्टमेंट करते हैं। आप पत्नी को कितनी भी रकम दे सकते हैं, लेकिन गिफ्ट की गई रकम को आप इन्वेस्ट करते हैं तो सेक्शन 64 सामने आ जाता है। इसके मुताबिक, गिफ्ट की गई रकम से कोई आमदनी होती है तो वह आपकी टैक्सेबल इनकम में जोड़ी जाएगी। इससे फर्क नहीं पड़ता कि पार्टनर को आमदनी होती है या नहीं।
👉🏻FY 2017-18 मैं टेक्सबल आय होने पर भी return नहीं भरने पर दिनांक 31.07.18 से 31.12.18 तक 5000/- और 31.12.18 से 31.12.19 तक 10000/-जुमार्ना तय किया है।

*डिडक्शंस की लिस्ट* 🚩
_80 सी, 80 सीसीसी और 80 सीसीडी में इन आइटम में छूट मिलती है। इसकी सीमा फाइनैंशल इयर 2017-18 के लिए 1.5 लाख रुपये है।_

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड (EPF)
पांच साल की बैंक एफडी
दो बच्चों की ट्यूशन फीस
सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम
होम लोन के रीपेमेंट में प्रिंसिपल अमाउंट के तौर पर दी जाने वाली रकम
लाइफ इंशूरंस पॉलिसी प्रीमियम जो आप चुकाते हैं।
NSC viii इश्यू
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ELSS
सुकन्या समृद्धि योजना में किया गया इन्वेस्टमेंट

*डेढ़ लाख के अलावा*
इन आइटमों में भी छूट मिलती है, जो 1.5 लाख की सीमा से अलग है:
80 D : हेल्थ इंशूरंस पॉलिसी का प्रीमियम 15 हजार की सीमा तक।
24 b : होम लोन के रीपेमेंट में ब्याज की रकम पर। इसकी सीमा दो लाख रुपये है।
★80 E : हायर स्टडीज के लिए लिए गए एजुकेशन लोन के रीपेमेंट में ब्याज की रकम पर। कोई सीमा नहीं।
★80 G : किसी संस्था को दी जाने वाली डोनेशन।
★U/S 87 के तहत् 3.50 लाख तक टेक्सेबल वार्षिक आय पर 2500/-की छूट का प्रावधान किया है।

Thursday 11 January 2018

उत्तर प्रदेश में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती

उत्तर प्रदेश में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती-
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*25 जनवरी से करें आवेदन-*
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*लखनऊ-*
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में *68500* सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा *12* मार्च को संभावित है। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं *10* मार्च को समाप्त हो रही हैं और उसके दो दिन बाद *12* मार्च को मंडलस्तर पर शिक्षक भर्ती की परीक्षा कराने की तैयारी है।

शिक्षक भर्ती का शासनादेश जारी होने के बाद सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह ने एनआईसी *(नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर)* लखनऊ को संभावित तिथियां भेज दी हैं ताकि जरूरी तैयारी की जा सके। एनआईसी अब आवेदन के लिए साफ्टवेयर तैयार करेगा और फिर उसकी सिक्योरिटी ऑडिट कराई जाएगी।

संभावित कार्यक्रम के अनुसार अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन *25* जनवरी से लिये जाएंगे। परीक्षा का विज्ञापन *23* जनवरी को जारी होगा। ऑनलाइन पंजीकरण *5* फरवरी तक होंगे और फीस जमा करने की आखिरी तारीख *7* फरवरी प्रस्तावित है।
ऑनलाइन फार्म पूरा करने की अंतिम तिथि *9* फरवरी होगी। आवेदन में त्रुटि संशोधन के लिए *13* से *15* फरवरी तक का अवसर दिया जाएगा।
परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद कम से कम तीन सप्ताह तैयारियों में लग जाएंगे। 

Friday 5 January 2018

बड़ी खबर: यूपी में शिक्षक तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन 16 जनवरी स

बड़ी खबर: यूपी में शिक्षक तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन 16 जनवरी से

लखनऊ : सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन 16 जनवरी से लिए जाएंगे। वहीं फरवरी के दूसरे हफ्ते तक स्थानांतरण सूची जारी कर दी जाएगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने आदेश जारी कर दिया है।

आदेश के मुताबिक 13 जनवरी को तबादले का विज्ञापन जारी किया जाएगा। वहीं आवेदन 16 जनवरी से 23 जनवरी तक ही लिए जाएंगे। तबादले के लिए काउंसिलिंग का आयोजन 27 जनवरी को किया जाएगा। वहीं आवेदन पत्रों का ऑनलाइन सत्यापन बेसिक शिक्षा अधिकारी 31 जनवरी को करेंगे। फरवरी के दूसरे हफ्ते में सूची जारी कर दी जाएगी।

शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों का इंतजार लम्बे समय से हो रहा था। बीते वर्ष जून में सरकार ने तबादले की नीति जारी की थी। पहले जिले के अंदर समायोजन, फिर जिलों के अंदर तबादले और इसके बाद बची हुई रिक्तियों पर अंतरनजपदीय तबादले की योजना थी। लेकिन हाईकोर्ट ने जिले के अंदर तबादले पर रोक लगा दी है। लिहाजा अब सरकार ने अंतरजनपदीय तबादले की राह खोल दी है। इसमें 5 वर्ष की नौकरी पूरी करने वाले शिक्षक ही आवेदन कर सकेंगे।

Wednesday 3 January 2018

अब स्कूल स्तर पर खरीदे जाएंगे स्वेटर - डीएम रखेंगे स्वेटर वितरण पर नजर -6 जनवरी से शुरू होगा वितरण

अब स्कूल स्तर पर खरीदे जाएंगे स्वेटर - डीएम रखेंगे स्वेटर वितरण पर नजर -6 जनवरी से शुरू होगा वितरण

हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ

-- डीएम रखेंगे स्वेटर वितरण पर नजर

-6 जनवरी से शुरू होगा वितरण

प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय

प्रदेश स्तर पर स्वेटर खरीद में असफल रही राज्य सरकार अब स्कूल स्तर पर स्वेटर खरीदेगी। यूनिफार्म की तर्ज पर अब स्वेटर भी खरीदे जाएंगे और एक महीने के अंदर ही बांट दिए जाएंगे। छह जनवरी से स्वेटर वितरण की प्रक्रिया शुरू की जानी है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राज प्रताप ने आदेश जारी कर दिया है।

राज्य सरकार पहली बार सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में पढ़ रहे 1.54 करोड़ बच्चों को स्वेटर देने जा रही है। खरीदने के लिए 4 सदस्यीय कमेटी बनेगी इसमें विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) का अध्यक्ष, स्कूल के प्रधानाचार्य के अलावा एसएमसी के दो ऐसे सदस्य होंगे, जो ग्राम पंचायत और पूरी एसएमसी द्वारा नामित किए गए हों। 20 हजार से एक लाख रुपये तक की खरीद के लिए कोटेशन प्राप्त किए जाएंगे जबकि एक लाख रुपये की ज्यादा की खरीद पर टेण्डर निकाला जाएगा।

200 रुपये तक का मैरून रंग का स्वेटर चार साइजों में खरीदा जाना है। क्रय समिति बच्चों की संख्या और नाप तय करेगी। कोटेशन के समय ही सैम्पल लेकर स्कूल में सुरक्षित रखा जाएगा। स्वेटर वितरित करते समय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी रहनी चाहिए। मॉनिटरिंग के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

स्वेटर खरीद में यदि खण्ड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की संलिप्तता पाई जाएगी तो इसे कदाचार की श्रेणी में माना जाएगा और अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए रिकवरी की जाएगी। बीईओ ये सत्यापित करेंगे कि सभी भुगतान एकाउंट पेई चेक से किए गए। यदि स्वेटर की गुणवत्ता खराब हुई या फर्जी संख्या दर्शाकर अधिक स्वेटर खरीद दिखाई गई तो संबंधित एसएमसी के अध्यक्ष व प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई करते हुए रिकवरी की जाएगी।

राज्य सरकार बीते दो महीने से प्रदेश स्तर पर स्वेटर खरीद की कोशिश कर रही है। लेकिन लगातार असफल रही। सूत्रों के मुताबिक, जिस तरह किताब छपाई में दुर्भावनापूर्ण गुटबाजी करके प्रकाशन में देरी करवाई जाती है उसी तरह स्वेटर खरीद में भी फर्मों ने किया। पहली बार आई फर्मों ने स्वेटर के दाम 245 कोट किए लेकिन 5-10 जिलों में ही सप्लाई के लिए हामी भरी जबकि टेण्डर पूरे प्रदेश का था। वहीं दूसरे टेण्डर में आई फर्मों ने 345 रुपये का दाम दिया जो आकलन से कहीं ज्यादा था। इन फर्मों ने दाम कम करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई तो राज्य सरकार ने इनके सामने न झुकते हुए स्कूल स्तर पर ही खरीद करने का निर्णय लिया है।

Tuesday 2 January 2018

शामली में 4 जनवरी तक स्कूलो का अवकाश घोषित

शामली में 4 जनवरी तक स्कूलो का अवकाश घोषित

*शामली*
लगातार बढ़ रहे सर्दी के सितम को भांपते हुए जिला प्रशासन ने जनपद में 12वीं कक्षा तक के स्कूल कॉलेजों में चार जनवरी तक छुट्टी घोषित कर दी है। 
पिछले कई दिनों से सर्दी अपने कड़े तेवर दिखा रही है। नये साल का पहला दिन अब तक का सबसे ठंडा दिन बताया जा रहा है। इसके चलते लोगों को भारी परेशानियां हो रही हैं। जिला प्रशासन ने मौसम की नजाकत को देखते हुए जनपद में कक्षा एक से 12 तक के सभी स्कूल-कॉलेजों में अवकाश की घोषणा कर दी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक चंद्रशेखर ने बताया कि सर्दी के चलते एक से 12वीं तक के स्कूल कॉलेज चार जनवरी तक बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में भी सर्दी के सितम को देखते हुए स्वेटर, रजाई, गद्दे वितरण का कार्य करने के आदेश दिए गए हैं।