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Sunday 19 August 2018

प्रधानाध्यापक डकार गयें अपने सहायक शिक्षकों और शिक्षामित्रों को दी जाने वाली करोड़ों रूपये की टीएलएम धनराशि

प्रधानाध्यापक डकार गयें अपने सहायक शिक्षकों और शिक्षामित्रों को दी जाने वाली करोड़ों रूपये की टीएलएम धनराशि

लखनऊ:-वैसे तो बेसिक शिक्षा विभाग आयें दिनों, किसी न किसी मुद्दे पर हमेशा सुर्खियों में रहता है। चाहे वो अध्यापकों के ट्रांसफर हो, समायोजन हो, ड्रेस वितरण, जूता - मौजा वितरण, पुस्तक वितरण, एमडीएम या बीएलओ ड्यूटी को लेकर हो। आयें दिन विभिन्न शिक्षक संगठन भी अपनी विभिन्न माँगों को लेकर भी सड़क से लेकर कोर्ट तक बेसिक शिक्षा विभाग को हमेशा सुर्खियों में रखते हैं। लेकिन, ये पहली तरह का अलग ही मुद्दा प्रकाश में आया है कि, बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत ज्यादातर प्रधानाध्यापकों या प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने विद्यालय में सहायक शिक्षकों व शिक्षामित्रों को दी जाने वाली टीएलएम धनराशि का भुगतान सहायक शिक्षकों व शिक्षामित्रों को ना करके उसका गबन कर लिया। जबकि टीएलएम धनराशि से सहायक शिक्षक व शिक्षामित्र नौनिहालों के शैक्षिक उन्नयन हेतु उक्त धनराशि का इस्तेमाल कक्षाकक्ष में वर्ष भर में माँडल बनाने हेतु, चार्ट पर कार्य करने व कराने हेतु, पेन-पेन्सिल की व्यवस्था हेतु, विभिन्न कलर हेतु, कलेंडर और अन्य शिक्षण सहायक सामग्री खरीदने हेतु प्रयोग करनी होती हैं।
वर्तमान में बेसिक शिक्षा विभाग में लगभग  6 लाख से अधिक सहायक शिक्षक व शिक्षामित्र कार्यरत है। जिन्हें बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा टीएलएम हेतु प्रति सहायक व शिक्षामित्रों हेतु 500 रूपये के हिसाब से करोड़ों रुपए की धनराशि प्रेषित की थी। उच्च अधिकारियों द्वारा स्थानीय स्तर पर इसका निरिक्षण कराने पर ये गबन का मामला प्रकाश में आया है। जिसे शासन के संज्ञान में लाने व उचित कार्यवाही करने के लिए रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को प्रेषित की जा चूकी हैं।

प्रधानाध्यापकों व प्रभारी प्रधानाध्यापकों में मचा हडकंप
जैसे ही टीएलएम के गबन सम्बन्धी जाँच और उस पर उचित कार्यवाही करने हेतु रिपोर्ट को शासन में भेजने सम्बन्धी सूचना बहार निकल कर आयी, तो गबन करने वाले प्रधानध्यापकों में बैचेनी देखी गई। वे टीएलएम सम्बन्धी जाँच व रिपोर्ट की सूचना प्राप्त करतें हुयें देखें गयें। आने वाले कुछ दिनों में इस मुद्दे पर प्रदेश के समस्त जनपदों में इसका प्रभाव पड़ता दिख रहा है और यदि शासन इस मुद्दे पर गंभीर हुआ तो ऐसे प्रधानाध्यापकों व प्रभारी प्रधानध्यापकों के सामने विकट स्थिति पैदा होने वाली है।

विभाग व शासन को टीएलएम गबन पर कोई जानकारी नहीं, कहा करेंगे जाँच*

वर्तमान सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त दावे की हवा निकलाती हुई ये गबन कहीं ना कहीं सरकारी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह हैं। जब इस विषय पर उच्च अधिकारियों से पुछताछ की गई तो उन्होंने इस पर अनभिज्ञता जताई और शीघ्र ही इसकी जाँच कर उचित कार्यवाही करने के लिए सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करने का आश्वासन दिया और उन्होंने अवगत कराया कि ऐसे लोगों को चिह्नित करना बहुत आसान है, क्योंकि सरकारी कर्मचारी को प्रत्येक मद का उपभोग सिर्फ चेक द्वारा ही  करना होता हैं। जिस प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक ने  टीएलएम का चेक सहायक शिक्षक या शिक्षामित्रों को निर्गत नहीं किया है, वो लोग आसानी से चिन्हित हो जायेंगे। यदि जाँच में किसी स्तर पर कोई कर्मचारी चिह्नित होता है तो उसे माँफ नहीं किया जायेगा।

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