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Monday 25 June 2018

IBPS recruitment 2018: Applications invited for 10,000 Office Assistant and Officers posts on ibps.in

IBPS recruitment 2018: Applications invited for 10,000 Office Assistant and Officers posts on ibps.in

IBPS recruitment 2018: The Indian Institute of Banking Personnel Selection (IBPS) has invited applications for 10,000 posts of Office Assistant (Multipurpose) and Officer (Scale I, II and III).

IBPS recruitment 2018: A candidate can apply for the Post of Office Assistant (Multipurpose) and at the same time also apply for the Post of Officer. Image source: PTI
IBPS recruitment 2018: The Indian Institute of Banking Personnel Selection (IBPS) has invited applications for 10,000 posts of Office Assistant (Multipurpose) and Officer (Scale I, II and III). The last date for submission of the application is July 2. For applying for the posts, the candidates should visit IBPs official website ibps.in.  A candidate can apply for the Post of Office Assistant (Multipurpose) and at the same time also apply for the Post of Officer. However a candidate can apply for only one post in officer’s cadre i.e. for Officer Scale-I or Scale-II or Scale-III, a IBPS notification said.
Candidates interested in applying for this IBPS recruitment 2018 drive can do so separately and pay fees, intimation charges separately for each post. 
How to apply online: 
1. The candidates have to go to the IBPS’s website ibps.in and click on the Home Page
to open the link “CRP for RRBs” 
2. Click on the appropriate option “CLICK HERE TO APPLY ONLINE FOR CRP- RRBs-OFFICERS (Scale-I, II and III)” or “CLICK HERE TO APPLY ONLINE FOR CRP- RRBs- OFFICE ASSISTANT (Multipurpose)” to open up the On-Line Application Form.
3. Candidates have to click on “CLICK HERE FOR NEW REGISTRATION” to register their application by entering their basic information in the online application form. 
4. After that a provisional registration number and password will be generated by the system and displayed on the screen. 
5. The candidates will be sent an Email and SMS indicating the Provisional Registration number and Password. 
Candidates have to upload their photograph, signature, left thumb impression, and a hand written declaration as per the specifications given in the guidelines for scanning and upload of documnets.
Application fee:
Officer (Scale I, II & III): Rs. 100 for SC/ST/PWD candidates and Rs. 600 for all others
Office Assistant (Multipurpose): Rs. 100 for SC/ST/PWD/EXSM candidates and Rs. 600 for all others
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Mode of Payment
Candidates can make the payment of fees/ intimation charges through the ONLINE mode only. 

Sunday 24 June 2018

लंबे समय से एक ही विद्यालय में जमे शिक्षकों का होगा तबादला

लंबे समय से एक ही विद्यालय में जमे शिक्षकों का होगा तबादला, शासन स्तर पर नीति तैयार

Saturday 23 June 2018

2010-11 बीएड ,Tet 2011 की चिंता बढ़ता हुआ CBSE द्वारा बीएड 2010-11 और Tet की वैधता के संबंध में दिया गया RTI का जबाब

CBSE द्वारा बीएड 2010-11 और Tet की वैधता के संबंध में दिया गया RTI का जबाब। इस RTI के जबाब में CBSE ने स्पष्ट कहा है कि बीएड ,BTC आदि का परिणाम tet के परिणाम के आने की तिथि से पहले आने की स्थिति में ही  TET का प्रमाणपत्र वैध होगा अन्यथा अवैध। (see point no.2)


(Disclaimer: Image taken from social media, Basic ka teacher doesn't verify this pic)

Wednesday 13 June 2018

अब बीएड डिग्री से नहीं बन सकते प्राइमरी टीचर, हाईकोर्ट का फैसला, 68500 शिक्षक भर्ती से भी हुए बाहर

अब बीएड डिग्री से नहीं बन सकते प्राइमरी टीचर, हाईकोर्ट का फैसला, 68500 शिक्षक भर्ती से भी हुए बाहर


लखनऊ. हाईकोर्ट के एक फैसले से बीएड डिग्री धारकों को तगड़ा लगा है। दरअसल हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों की कक्षा एक से पांच तक में पढ़ाने के लिए आवश्यक योग्यता से बीएड डिग्री को बाहर कर दिया है। हाइकोर्ट के इस फैसले से उन बीएड डिग्री धारकों को बड़ा नुकसान हुआ है जो यूपी में होने वाली 65,500 शिक्षक भर्ती में भाग लेना चाहते थे। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद लखनऊ के राम सागर कहते हैं कि हाईकोर्ट का ये फैसला उनकी समझ से परे हैं। क्योंकि 1 जनवरी 2012 तक यही बीएड डिग्री 6 महीने की खास ट्रेनिंग के साथ प्राइमरी टीचर की नियुक्ति के लिए मान्य थी। तो अब बीएड डिग्री को सहायक अध्यापकों के पद के लिए क्यों अमान्य किया गया है।
हाईकोर्ट का फैसला
दरअसल आपको बता दें कि कक्षा एक से पांच तक के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए B.Ed (स्पेशल एजुकेशन) की डिग्री मान्य नहीं है। हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है। फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने बीएड डिग्री धारकों को 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन का मौका देने से साफ इनकार कर दिया और उकी दायक याचिका खारिज कर दिया है। बीएड डीग्री धारकों की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि बीएड और डीएलएड की डिग्रियां एक तरह की हैं। इसलिए इनके नाम में अंतर मायने नहीं रखता है। बीएड और डीएलएड को एक तरह की डिग्री ही मानना चाहिए।
एनसीटीई ने तय की योग्यता
कोर्ट में याचिकाकर्ताओं का कहना था कि 1 जनवरी 2012 तक बीएड डिग्री 6 महीने की खास ट्रेनिंग के साथ प्राइमरी टीचर की नियुक्ति के लिए मान्य थी। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में न्युक्ति के लिए योग्यता एनसीटीई की ओर से तय की गई है। जो राज्य सरकार द्वारा बनाए गए किसी भी नियम पर प्रभावी होगी। एनसीटीई की ओर से तय की गई योग्यता में प्राइमरी स्कूलों के लिए भी बीएड डिग्रा को मान्य नहीं किया गया है। हालांकि बीएड डिग्री को कक्षा 6 से 8 तक के टीचरों के लिए मान्य बताया गया है, लेकिन कक्षा एक से पांच तक के लिए बीएड डिग्री को लेकर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग की दलील मंजूर
वहीं बीएड डिग्री को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से वकील का कहना है कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में भी बीएड डिग्री को प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की योग्यता में शामिल नहीं किया गया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के वकील की दलील पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा कि बीएड डिग्री सहायक अध्यापकों के लिए मान्य योग्यता नहीं है।

Tuesday 12 June 2018

Job Opportunities in Income Tax Department , Apply  now

Job Opportunities in Income Tax Department , Apply  now





Name Of Department : Income Tax Department

Name of Post : Income Tax has offered post of Tax inspector, Tax Assistant and Multi Tasking staff.

Job Location : Tamilnadu

Eligibility : Minimum eligibility required to apply for these posts is 10th pass

Last Day to Apply : According to Income Tax Department, last day to fill application form is 18-06-2018

Selection Process : 1. Short listing by Income Tax Department
2. Performance in Field Trial.

Salary :Posts 1 - 9,300 - 34,800 / - and Rs. 4,600 / - on Grade pay
Posts 2 - 5,200-20,200 / - and Rs. 2,400 / - on Grade Pay
Posts 3 - 5,200-20,200 / - and Rs. 1800 / - on Grade Pay

Age Limit : Applicant’s should have of 18-25 years.

How to Apply : Applicants can apply through the official website of Income Tax Department, website 

To download detailed PDF
Click here

RECRUITMENT OF 50 JUNIOR OPERATORS IN INDIAN OIL CORPORATION

IOCL invites online application for recruitment of 50 Nos of Junior Operators for its Marketing Locations under Eastern region comprising -

Andaman and Nicobar Islands, Arunachal Pradesh, Assam, Bihar, Jharkhand, Manipur, Meghalaya, Odisha, Tripura and West Bengal

 


Name of the Post : Junior Operator ( Aviation)

Pay grade : Rs. 10,500 – 24500 – Gr. 1

No of posts : 50 Posts (Andaman and Nicobar Islands - 2, Arunachal Pradesh- 2, Assam- 15, Bihar- 2, Jharkhand-5, Manipur-1, Meghalaya-1, Odisha-6, Tripura - 3 and West Bengal- 13)

Qualification : Class XII with minimum 45% marks for General and OBC candidates and 40 % marks for SC/ST Candidates and having Heavy Vehicle Driving License.

Experienced : A minimum one year Driving experienced of Heavy Vehicle.

http://www.careersforall.in/


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विद्युत विभाग ने तीन साल नौकरी कर चुके 714 टेक्नीशियन बर्खास्त किये

Appearing Judgment Analysis] टेट को प्रशिक्षण योग्यता से पहले पास करने वालो को नौकरी से निकालने वाले आदेश का विश्लेषण

Appearing Judgment Analysis] टेट को प्रशिक्षण योग्यता से पहले पास करने वालो को नौकरी से निकालने वाले आदेश का विश्लेषण

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1) यह निर्णय Division Bench से 29334 के सम्बंध में आया है जिसमें BSA को निर्देशित किया गया है कि वे 29334 में चयनित ऐसे लोगो की पहचान करें जिनका BTC, B.Ed. का Result उनके द्वारा भर्ती में लगाये गए टेट रिजल्ट के बाद में आया हो तथा उनकी सफाई सुनने का एक अवसर देकर उन्हें नौकरी से निकाल दें। (SPLA 506/18) यानी 30.05.2018 के बाद से उन सभी के टेट इनवैलिड हो गए हैं जिनका बीएड बीटीसी का रिजल्ट टेट के रिजल्ट के बाद आया हो।
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*2) किसी अन्य भर्ती को लेकर यह निर्णय नहीं है लेकिन इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि BSA 72825 समेत उसके बाद होने वाली सभी भर्तियो को भी कसौटी पर घिस सकते हैं और इस सम्बंध में परिषद द्वारा निर्देश आ सकते हैं।*
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3) इस निर्णय के आने के पीछे 2 फैक्टर्स हैं-
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● Statuory Provision - NCTE सर्कुलर 11.02.2011 का क्लॉज़ 5(i) और (ii) + शासनादेश 15.05.2013
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● विभिन्न याचिकाएं - 26660/2013, 27036/2016, 52021/2017,
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*4) इसके अलावा जो इंपोर्टेन्ट रोल प्ले करता है वो है डॉक्ट्रिन ऑफ purposive interpretation और literal interpretation.*
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5) अभी तक 4 जजेस ए पी शाही, अश्वनी मिश्रा, दिलीप गुप्ता और जयंत बनर्जी purposive interpretation के साथ गए हैं न कि literal इंटरप्रिटेशन के और अब गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में जाएगी।
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*6) RTE एक्ट 2009 के द्वारा केंद सरकार ने NCTE को अकेडमिक अथॉरिटी बनाया जो 8 से 14 वर्ष के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए सहायक अध्यापकों की मिनिमम योग्यता तय करेगी।*
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7) NCTE ने 23.08.2010 को नोटिफिकेशन जारी करके न्यूनतम अकेडमिक योग्यता तय कर दी जिसमें टेट क्वालीफाई कम्पलसरी था।
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*8) टेट के लिए NCTE ने 11.02.2011 को एक सर्कुलर जारी किया जिसमें क्लॉज़ 5(ii) में कहा गया कि वो व्यक्ति भी टेट में बैठने के लिए योग्य होंगे जो 23.08.2010 के नोटिफकेशन में उल्लिखित NCTE या RCI से मान्यता प्राप्त किसी अध्यापक शिक्षण कोर्स 'pursue' कर रहे हों यानी अध्यन्नरत हों।*
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9) यानी टेट में बैठने के लिए बीएड बीटीसी डीएड आदि पास होना ही कंपल्सरी नहीं है बल्कि उन कोर्स में पढ़ रहे भी इस क्लॉज़ 5(ii) अनुसार योग्य है।
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*10) इस क्लॉज़ में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि क्या फर्स्ट ईयर में पढ़ने वाले या यूं कहें कि जो अंतिम सेमेस्टर में नहीं है या अंतिम वर्ष में नहीं है वो टेट में appear हो सकते हैं या नहीं।*
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11) सरकार द्वारा 17.04.2013 को टेट के सम्बंध में गाइडलाइन्स जारी की गई थी जिसमें केवल प्रशिक्षण योग्यता उत्तीर्ण लोगो को ही टेट में बैठने की अनुमति थी।
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*12) इस क्लॉज़ 5(ii) को ग्राउंड बनाकर इस GO को चैलेंज किया गया जिसमें 13.05.2013 को रिट याचिका - A 26660/2013 में कोर्ट ने कहा कि जब NCTE ने प्रावधान किया हुआ है तो आप क्यों नहीं कर रहे और फाइनल ईयर में पढ़ रहे तथा रिजल्ट का वेट कर रहे अभ्यर्थियों को भी शामिल करने का आदेश किया।*
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13) सरकार ने दो दिन बाद ही 15.05.2013 को सुधार करते हुए नया GO जारी किया जिसमें बिंदु (क) और (ख) के द्वारा शिक्षण प्रशिक्षण परीक्षाओं में सम्मिलित हो रहे अभ्यर्थियों को भी टेट में बैठने के लिए allow कर दिया। साथ मे यह भी कहा कि टेट में बैठ तो जाओ और पास भी करलो लेकिन वैलिड तभी होगा जब बीटीसी बीएड आदि पास करलोगे।
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*14) इसमें भी स्थिति को स्पष्ट नहीं किया गया। 29334 भर्ती को इसी ग्राउंड पर कुछ अभ्यर्थी कोर्ट ले गए जिसमें 08.05.2018 को हाई कोर्ट ने फर्स्ट ईयर या सेकंड सेमेस्टर पास न करने वालों को टेट मे बैठने से अयोग्य घोषित कर दिया है। (Writ- A 52021/17)*
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15) सिंगल जज मिश्रा जी ने जो आलरेडी नियुक्त हो चुके हैं उनको सीधा सीधा बाहर करने का आदेश नहीं किया था बल्कि उनके लिए कोर्ट ने कहा था कि RTI एक्ट द्वारा ऐसे लोगो की जानकारी ली जा सकती है जो टेट में फर्स्ट ईयर को पास किये बिना बैठे हैं।
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*16) और BSA को यदि ऐसे लोगो को नियुक्ति से हटाने को लेकर प्रत्यावेदन मिलते हैं तो 6 माह के अंदर उचित कार्यवाही की जाए यानी उनकी नियुक्ति निरस्त की जाए।*
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17) इस निर्णय में भार याचियों पर डाल दिया गया कि वो पता लगाएं की टेट को फर्स्ट ईयर में रहते हुए किसने पास किया है और BSA को शिकायत करें तब जाकर कार्यवाही होगी। इसके विरुद्ध याची DB चले गए और कहा कि हमारे लिए यह सम्भव नहीं है यह कार्य BSA को करना चाहिए।
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*18) खण्ड पीठ ने अपने 30.05.2018 के निर्णय में यह मांग मानली और बोल दिया कि यह काम BSA ही करेंगे न कि याची। अब तक तो सब ठीक था सिंगल जज के निर्णय के बाद फाइनल ईयर में टेट पास वाले जश्न मना रहे थे कि हम तो बच गए पर DB ने उनके जश्न को मातम में बदल दिया।*
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19) DB ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि ट्रेनिंग क्वालिफिकेशन जैसे बीएड BTC का फाइनल रिजल्ट टेट के रिजल्ट से पहले आजाना चाहिए तभी वैलिड माना जायेगा ये बिल्कुल unacceptable जजमेंट है और सुप्रीम कोर्ट में इस एक्सटेंट तक पलटना कन्फर्म्ड है।
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*20) जैसा हमने पहले भी कहा कि ये आदेश क्लॉज़ 5(ii) को purposively इन्टरप्रेट करके किये गए हैं। इसमें 5(ii) को (i) के साथ रखकर पढ़ा गया है।*
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21) 5(i) में कहा गया कि ट्रेनिंग में पास हुए लोग योग्य हैं दूसरे में कहा कि जो पढ़ रहे हैं वो भी योग्य हैं अब इसी दूसरे में pursuing शब्द को literally interpret किया जाता है तो training में एडमिशन का पहला दिन भी pursuing में आएगा।
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*22) इंटेंशन NCTE का वही रहा होगा जो जज साहब कह रहे हैं लेकिन शब्दो के चयन को लेकर NCTE ने गलती करदी अब उस गलती का खामियाजा नियुक्त भुगतने के कगार पर हैं।*
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23) कुछ केसेस में SC ने कहा है कि यह कोर्ट का काम नहीं है कि वह STATUTORY प्रोविशन की इंटेंशन को वहां इन्टरप्रेट करे जहां स्पेसिफक शब्द USE किये गए हों और जिनका स्पष्ट मतलब निकलता हो।
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*24) वहीं कुछ केसेस में कहा है कि यदि कोई प्रोविशन केवल हड्डी हड्डी है तो उसपर मांस और स्किन चढ़ाने का कार्य कोर्ट कर सकती है।*
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25) यही कोर्ट की पोलीवोकल नेचर है अब सुप्रीम कोर्ट में निम्न सम्भावनाएं हैं-
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● *कोर्ट purposive इंटरप्रिटेशन के साथ जाते हुए DB के ऑर्डर को हल्का सा मॉडिफाई करके उपहेल्ड करे। मॉडिफाई बस वहां होगा जहां उन्होंने कहा है कि टेट के रिजल्ट से पहले BTC बीएड का रिजल्ट आ जाना चाहिए और कहदें कि जिनका फर्स्ट ईयर पास किये बिना टेट है उनको निकालो बाहर।*
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● कोर्ट literally interpret करे और बोले कि हम पालिसी मेकर नहीं है यदि NCTE PURSUING को टेट में बैठा रही है तो हम कुछ नहीं कर सकते जब NCTE PURSUING कह रही है तो आप लोग क्यों फाइनल और फर्स्ट के चक्कर मे फंसे हो। इस तरह सबको यहां तक कि फर्स्ट सेम में भी टेट पास करने वालो को बचा ले।
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● *कोर्ट purposively जाए लेकिन कहे कि 23.08.2010 के नोटिफिकेशन के हिसाब से ये टेट पास कर चुके हैं और trained भी हैं तथा काफी समय से अच्छी सर्विस दे रहे हैं तो कोर्ट इन्हें डिस्टर्ब नहीं कर रही है लेकिन NCTE को निर्देश देती है कि वे इस 5(ii) को redefine करके संशोधित करे ताकि भविष्य में ऐसी गलती न हो।*
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26) अब कोर्ट किस रूख के साथ जाती है यह कोई नहीं बता सकता हालांकि याची और प्रतिवादी अपनी अपनी जीत के दावे करेंगे ही जीतेगा कौन ये कोर्ट decide करेगी क्योंकि यह यहां से अब डिस्क्रेशनरी मेटर बन चुका है और किस बेंच में जाता है इस पर निर्भर करेगा क्योंकि ऐसे मामलों में जजेस का सोचने का नजरिया अलग अलग होता है।

(सोशल मीडिया से साभार)

Monday 11 June 2018

UP: टीईटी के रिजल्ट के बाद आया है बीएड, बीटीसी का परिणाम तो नियुक्ति मान्य नहीं, 50,000 से ज्यादा शिक्षकों की नौकरी पर खतरा

UP: टीईटी के रिजल्ट के बाद आया है बीएड, बीटीसी का परिणाम तो नियुक्ति मान्य नहीं, 50,000 से ज्यादा शिक्षकों की नौकरी पर खतरा

संजोग मिश्र,इलाहाबादUpdated: Mon, 11 Jun 2018 08:34 AM IST

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में काम कर रहे और 2012 से 2018 के बीच नियुक्त हुए ऐसे शिक्षकों की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं जिन शिक्षकों के ट्रेनिंग (बीएड, बीटीसी आदि) का परिणाम उनके टीईटी के परिणाम के बाद आया है। दरअसल हाईकोर्ट ने कहा है कि जिन शिक्षकों के ट्रेनिंग (बीएड, बीटीसी आदि) का परिणाम उनके टीईटी के परिणाम के बाद आया है उनकी नियुक्ति मान्य नहीं है। जिसके बाद इन शिक्षकों की नौकरी उस आदेश के बाद सवालों के घेरे में हैं।

कौन-कौन सी नियुक्ति पर पड़ेगा असर
इस आदेश के कारण 2012 के बाद प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती, 9770, 10800, 10000, 15000, 16448, 12460 सहायक अध्यापक व उर्दू भर्ती के अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई विज्ञान व गणित विषय के 29334 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं।

 

एक अनुमान के मुताबिक ऐसे शिक्षकों की संख्या 50,000 से अधिक है जिनका ट्रेनिंग का परिणाम टीईटी के बाद घोषित हुआ। इस आदेश का असर वर्तमान में चल रही 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती पर भी पड़ेगा। हाईकोर्ट ने 30 मई के अपने आदेश में बेसिक शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि जिन शिक्षकों के प्रशिक्षण का परिणाम उनके टीईटी रिजल्ट के बाद आया है उनका चयन निरस्त कर दें। हालांकि इस मसले पर अब तक सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। 

सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में आदेश से प्रभावित शिक्षक

हाईकोर्ट के आदेश से प्रभावित शिक्षकों ने अब सुप्रीम कोर्ट में जाने की तैयारी शुरू कर दी है। एक टीम दिल्ली पहुंच चुकी है। चयनित शिक्षकों का तर्क है कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) के लिए 4 अक्तूबर 2011 और 15 मई 2013 को जारी शासनादेश में इस बात का जिक्र नहीं था कि जिनके प्रशिक्षण का परिणाम टीईटी के बाद आएगा उन्हें टीईटी का प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा।

इनका कहना है
हाईकोर्ट के 30 मई के आदेश से बड़ी संख्या में शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। सरकार को चाहिए की आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करे। नहीं तो सैकड़ों स्कूलों पर ताले पड़ जाएंगे।
अनिल राजभर, 29334 भर्ती में चयनित शिक्षक 

(खबर साभार: हिन्दुस्तान)

टीईटी को अवैध कराने को लेकर फ़ाइल याचिका का सत्य :


*टीईटी को अवैध कराने को लेकर फ़ाइल याचिका का सत्य :*
C/P
सर्वप्रथम यह स्पष्ट कर दूँ कि कोर्ट ने किसी की भी टीईटी अवैध घोषित नहीं की है। अतः चैन की साँस लीजिए तथा अब आगे का भाग पढ़िए :

याची ने मांग की थी जिन लोगों ने शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स का अंतिम रिजल्ट आने से पूर्व टीईटी परीक्षा पास की है, उन सभी की टीईटी अवैध घोषित की जाए। और इसके लिए याची ने #सीटीईटी_सितम्बर_2014 के नोटिफिकेशन को आधार बनाया है।

सीटीईटी सितम्बर 2014 का नोटिफिकेशन, अर्हता को लेकर पैरा 7 में कहता है :

✒ The following persons are eligible for appearing in the CTET. (निम्न लोग सीटीईटी देने हेतु पात्र हैं)

✒ Graduation and passed or appearing in final year of two year Diploma in Elementary Education. (स्नातक तथा द्विवर्षीय बीटीसी पास अथवा उसके अंतिम वर्ष में)

इसके अतिरिक्त उक्त नोटिफिकेशन का पैरा 7.3 (v) कहता है :

✒ Candidates who are appearing in the final year of Bachelor Degree in Education or Diploma in Elementary Education etc. are provisionally admitted and their CTET Certificate shall be valid only on passing the aforesaid Examinations. (ऐसे अभ्यर्थी जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स के अंतिम वर्ष में प्रशिक्षणरत हैं उनको सीटीईटी में औपबंधिक रूप से शामिल किया गया है तथा उनका सीटीईटी प्रमाणपत्र उक्त शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा पास करने के बाद मान्य होगा)

उक्त याचिका में सीटीईटी 2014 के नोटिफिकेशन को आधार बनाया गया है जबकि :

1) यह नोटिफिकेशन सीटीईटी 2014 की बात करता है, किसी अन्य वर्ष के सीटीईटी अथवा यूपीटीईटी की नहीं। सीटीईटी प्रति वर्ष अलग नोटिफिकेशन निकालती है जो केवल उस ही वर्ष की सीटीईटी के लिए मान्य होता है।

2) नोटिफिकेशन के पैरा 7.3 (v) में स्पष्ट लिखा है कि अंतिम वर्ष में प्रशिक्षणरत लोगों का प्रमाणपत्र बीटीसी उत्तीर्ण करने पर मान्य होगा। यहाँ यह नहीं लिखा है कि यदि सीटीईटी का रिजल्ट प्रशिक्षण कोर्स के अंतिम रिजल्ट आने के बाद आता तब ही मान्य होगा। बल्कि यह लिखा है कि प्रशिक्षण कोर्स (बीटीसी) पास करने के उपरान्त ही सीटीईटी प्रमाणपत्र मान्य होगा।

3) कुछ शातिर लोगों द्वारा पैरा 7.3 (v) की गलत व्याख्या के कारण सीटीईटी ने इस शर्त को अगले वर्ष के नोटिफिकेशन में से हटा दिया है, सीटीईटी 2016 के नोटिफिकेशन में यह शर्त भी हटा ली गई है। इस वर्ष का नोटिफिकेशन सीटीईटी की वेबसाइट पर होगा, इच्छुक लोग जाकर उसको पढ़ सकते हैं।

इस नोटिफिकेशन के पैरा 7.3(v) जैसी ही शर्त टीईटी के नोटिफिकेशन में भी थी परन्तु उसका भी यह ही अर्थ है कि टीईटी प्रमाणपत्र शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स उत्तीर्ण करने के बाद ही मान्य होगा जिस कारण से जिला शिक्षा एव प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से भी टीईटी उत्तीर्ण समस्त लोगों को बीटीसी पास करने के बाद ही टीईटी का प्रमाणपत्र बांटा जाता है।

इसके अतिरिक्त एनसीटीई की टीईटी को लेकर 11/02/2011 को जारी की गई गाइडलाइन के पैरा 5(ii) में स्पष्ट लिखा है कि वह सभी लोग टीईटी में भाग लेने हेतु अर्ह होंगे जो एनसीटीई द्वारा मान्य शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स में प्रशिक्षणरत हैं। उक्त गाइडलाइन में किसी भी वर्ष अथवा सेमेस्टर का उल्लेख नहीं है। उक्त गाइडलाइन में कही भी सीटीईटी के नोटिफिकेशन के पैरा 7.3 (v) जैसी कोई भी शर्त नहीं है। शायद इसी कारण से सीटीईटी ने भी इस शर्त को इस वर्ष से हटा लिया है।

यह भी स्पष्ट है कि न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार एनसीटीई की 11/02/2011 की गाइडलाइन से हटकर टीईटी का आयोजन कर सकते हैं। अतः इस शर्त का तो वैसे भी कोई औचित्य नहीं है। जब कहीं भी स्पष्ट रूप से यह नहीं लिखा है कि बीटीसी पास करने से पूर्व टीईटी नहीं दिया जा सकता अथवा ऐसा टीईटी मान्य नहीं होगा तब बाद में उसको अवैध घोषित करने का न तो कोई तर्क है न ही कोई कानूनी कारण। टीईटी का उद्देश्य प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु की योग्यता का मापन करना होता है, यह केवल एक पात्रता परीक्षा है अतः इसके सन्दर्भ में ऐसी कोई भी शर्त न केवल आधारहीन है अपितु अनावश्यक भी है। जितने अधिक लोग टीईटी पास होंगे उतने ही अधिक लोग अध्यापक बनने की दौड़ में शामिल होंगे व योग्य में सर्वाधिक योग्य लोगों का चुनाव होगा, इससे अनुच्छेद 21 A तथा अनुच्छेद 16(1) दोनों के ही उद्देश्यों की पूर्ति होगी।

जज साहब ने उक्त याचिका में कोई भी बहस न करते हुए अंतिम पैरा में स्पष्ट लिखा है कि :

Court has not adjudicated the claim of petitioners on merit (अर्थात कोर्ट ने याची की मांग के कानूनी पहलू पर कोई निर्णय नहीं दिया है।)

कोर्ट ने पीएनपी सचिव श्री नीना श्रीवास्तव जी को आदेश की प्रति प्राप्त होने के 3 माह के भीतर उक्त गाइडलाइन के अनुसार निर्णय लेने को कहा है। अर्थात कोर्ट ने स्वयं कोई भी निर्णय न लेते हुए नीना मैडम को निर्णय लेने

(सोशल मीडिया से साभार)