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Monday 31 July 2017

IT रिटर्न भरने वालों को राहत, अब इस तारीख तक कर सकते हैं फाइल

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IT रिटर्न भरने वालों को राहत, अब इस तारीख तक कर सकते हैं फाइल

इनकम टैक्स रिटर्न भरने के वालों के लिए एक राहत भरी खबर है. आईटी विभाग ने रिटर्न भरने की समय सीमा को 5 अगस्त तक बढ़ा दिया है. इससे पहले इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी.

जीएसटी की वजह से कई टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने में दिक्कत आ रही थी. ऐसे में लोगों की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2016-17 वित्त वर्ष का आईटीआर भरने के लिए आखिरी तारीख 5 अगस्त कर दी है.
इससे पहले शनिवार को सीबीडीटी यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने साफ कह दिया है कि आईटी रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई ही रहेगी लेकिन कई व्यापारी संगठन और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट तारीख आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे. ऐसे में उनकी मांगों को मानते हुए इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख बढ़ा दी गई है.

Sunday 30 July 2017

ITR शंका समाधान


ITR शंका समाधान

*Income Tax Return*

      
      ्

*प्रश्न 1* क्या ITR रिटर्न भरना आवश्यक है..?
----- हां, यदि आपकी वार्षिक आय  2.5 लाख से ऊपर है तो ITR रिटर्न फ़ाइल करना आवश्यक है।

*प्रश्न 2* क्या ITR रिटर्न ऑनलाइन फ़ाइल करे या ऑफलाइन..?
---- 5 लाख तक की आमदनी वाले सभी कार्मिक ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से ITR फाइल कर सकते है परंतु 5 लाख से ऊपर वार्षिक आय वाले केवल ऑनलाइन।
*मेरी सलाह सब ऑनलाइन ही ITR फ़ाइल करे।*

*प्रश्न 3* मेरा फॉर्म 16 विभाग से नही मिला है मैं क्या करूँ..?
---- सर्वप्रथम निर्धारित प्रारूप(जो लेखा कार्यलय द्वारा दिया गया) पर अपनी जानकारी भरकर फॉर्म 16 बनाने हेतु एक प्रार्थना पत्र के साथ BRC पर जमा कर दे एवम अपना ITR अपने आयकर आगणन प्रपत्र(जो feb में मिला था जिसमे 12 माह के वेतन की डिटेल थी) और online 26 AS की मदद से फ़ाइल कर दे।

*प्रश्न 4* मुझे तो फॉर्म 16 मिला है उस पर नाम/विद्यालय का नाम गलत छपा है , क्या करूँ...?
---- निर्धारित प्रारूप पर वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) के नाम BRC पर एक प्रार्थना पत्र जमा कर दे एवम इसी फॉर्म 16 के आधार पर ITR फ़ाइल कर दे। *फॉर्म 16 पर नाम या स्कूल नाम गलत होने से ITR फ़ाइल करने मे कोई दिक्कत नही*

*प्रश्न 5* मुझे जो फॉर्म 16 मिला है उस पर मेरा PAN गलत अंकित है, क्या करूँ..?
---- तुरंत निर्धारित प्रारूप पर वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) के नाम प्रार्थना पत्र (द्वारा खण्ड शिक्षा अधिकारी) BRC पर जमा करे। *आप ITR अभी फ़ाइल न कर सकते जब तक PAN आपका सही न होगा* जब PAN सही अंकित होगा तभी आपके PAN के 26AS पर आपके वित्त एवं लेखाधिकारी द्वारा आपके वेतन से काटा गया TaX शो करेगा।

*प्रश्न 6* मुझे जो फॉर्म 16 मिला है उस पर मेरा वेतन कम दिख रहा है (उदाहरण 3.77 लाख) जबकि मेरा आयकर आगणन प्रपत्र पर ज्यादा था(उदाहरण 3.82 लाख)।
----आप online अपना 26AS चेक करें वहां 3.77 लाख ही कुल आय दिखा रहा हो तो आप ITR फाइल करते वक़्त 3.77 लाख या 3.82 लाख जिससे चाहे उसको कुल वार्षिक आय दिखाकर फ़ाइल कर सकते है।
*कहने का तात्पर्य जो कुल वार्षिक आय आपको online 26AS पर शो हो रही है उससे कम वार्षिक आय आप ITR फाइल करते वक्त न दिखा सकते, ज्यादा दिखाने हेतु स्वतंत्र है(dues के आधार पर)।*

*प्रश्न 7* मुझे जो फॉर्म 16 मिला है उसमें जो मेरा TAX काटा गया है वो सही है परंतु ऑनलाइन 26AS पर उससे कम शो हो रहा है..क्या करूँ..?
---- तत्काल वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) के नाम निर्धारित प्रारूप पर प्रार्थना पत्र BRC पर जमा कर दे।
*आप अभी ITR फाइल न कर सकते है।*

*प्रश्न 8* मैंने 80 C में बचत 1.40 लाख(ज्यादा) दिखाई थी परंतु कुछ रसीद गायब है ,फॉर्म 16 पर 1.20 लाख(कम ) शो हो रही है...क्या करूँ..?
---- कोई दिक्कत नही।आप ITR फाइल करते वक़्त अपनी पूरी बचत (1.40 लाख उदाहरण) दिखाते हुए भरे।
बहुत ज्यादा फॉर्म 16 सही कराने हेतु एक प्रार्थना पत्र अपने आगणन प्रपत्र की छाया प्रति के साथ निर्धारित प्रारूप पर वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा)के नाम BRC पर जमा कर दे।
*आप अभी इसी फॉर्म 16 से अपनी बचत पूरी दिखाते हुए ITR फाइल कर दे।*

*प्रश्न 9* मेरा टैक्स जितना उचित था Feb माह के वेतन से/ तक कट चुका था परंतु फॉर्म 16 पर टैक्स की देनदारी दिख रही है..क्या करूँ..?
---- आप ऑनलाइन 26AS देखे यदि वहां आपके द्वारा दिया गया TAX सही है तो ITR फाइल करे कोई देनदारी न होगी।
एवम फॉर्म 16 सही होने हेतु एक प्रार्थना पत्र निर्धारित प्रारूप पर दे दे।
*आप अभी 26 AS देख कर ITR फाइल कर दे।*
यदि कुल वार्षिक आय और जितना टैक्स आपने दिया है उतना 26AS पर दिखने के बाद भी आप पर टैक्स देनदारी show हो रही है तो आपको tax pay करना होगा और साथ ही उसका बाउचर नंबर इत्यादि ITR फाइल करते वक़्त लिखना होगा।

*प्रश्न 10* मेरा किन्ही कारण वश feb के वेतन तक एक भी रुपया टैक्स न कटा था बल्कि मेरी tax देनदारी बनती थी और प्राप्त फॉर्म 16 में टैक्स देनदारी शो भी हो रही है..क्या करूँ..?
---- आप tax का तुरंत भुगतान कर बाउचर नंबर के साथ ITR फाइल करे।(26AS भी अवश्य चेक करें।)

*प्रश्न 11* फॉर्म 16 मिल गया है, ITR क्या मुझे ही फाइल करना है या विभाग को...?
---- आयकर भुगतान एवम ITR फाइल करना कार्मिक का उत्तरदायित्व है, नियोक्ता का कार्य मात्र फॉर्म 16 उपलब्ध करा देना है।

*प्रश्न 12* मैंने तो आयकर आगणन प्रपत्र में सब डिटेल दी थी विभाग ने टैक्स न काटा मैं क्या करूँ..?
---- कुल वार्षिक आय पर यदि tax देनदारी बनती है तो आपको tax पे करना होगा।
विभाग ने यदि टैक्स कटौती न करने की चूक/गलती की है तो इसका मतलब ये नही कि आपको tax pay नही करना है ,आप तत्काल tax पे करके ITR फाइल करे अन्यथा आयकर विभाग से नोटिस आपके नाम आएगी विभाग के नाम नही।

उम्मीद करता हूँ आप के सभी सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे।
      यदि अब भी कुछ प्रश्न बाकी है तो तत्काल एक आकस्मिक अवकाश लेकर किसी अच्छे आयकर वकील/CA से संपर्क करे।

सहायक अध्यापक शिक्षामित्रों संग धरने पर बैठे तो कार्रवाई*

*सहायक अध्यापक शिक्षामित्रों संग धरने पर बैठे तो कार्रवाई*

Sat, 29 Jul 2017 10:42 PM (IST)
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद व्यवस्था के विरोध में शिक्षामित्रों का रोष भड़का हुआ है। आंदोलन की राह पर उतरे शिक्षामित्रों की मांग को दूसरे शिक्षण संगठनों का भी समर्थन मिलने लगा है। मगर, अब इनके साथ नारेबाजी कर शिक्षण व्यवस्था को बाधित करने वाले सहायक अध्यापकों अथवा अन्य व्यक्तियों पर कार्रवाई होगी। शासन ने धरना स्थल के साथ ही विरोध प्रदर्शन की वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही शिक्षण व्यवस्था बाधित करने वालों पर कार्रवाई के लिए कहा है।
सर्वोच्च न्यायालय का फैसला शिक्षामित्रों के खिलाफ आया, तो उनकी भावनाएं भड़क उठीं। जिले में भी आक्रोशित शिक्षामित्रों ने पहले तो स्कूलों में ताले डाले और उसके बाद कलक्ट्रेट के तिकोनिया पार्क में धरना शुरू कर दिया। निरंतर चल रहे धरना प्रदर्शन में उनको अब दूसरे शिक्षण संगठनों का भी समर्थन मिलने लगा है। स्थिति यह है कि जिले में शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई है।
इस पर *अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप ¨सह* ने प्रशासन को धरना स्थल की वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिए हैं। भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया है कि जिन स्थानों पर शिक्षामित्रों द्वारा धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं अथवा विद्यालयों में तालाबंदी कराई जा रही है, उन सभी स्थानों की वीडियोग्राफी कराई जाए। शिक्षामित्रों के अलावा यदि किसी दूसरे शिक्षण संगठनों के लोग, सहायक अध्यापक अथवा शिक्षक नजर आते हैं, तो वीडियोग्राफी के आधार पर उनका चिन्हांकन कराया जाए। ऐसे सभी लोगों के नाम शासन को भेजे जाएं। इनके खिलाफ सीधे शासन स्तर से कार्रवाई कराई जाएगी।

*बीएसए विजय प्रताप ¨सह* का कहना है कि शिक्षण व्यवस्था बाधित न हो, इसके लिए हर संभव प्रयत्न किए गए हैं। ऐसे शिक्षकों पर भी नजर रखी जा रही है, जो शिक्षामित्रों का सहयोग तो कर ही रहे हैं साथ ही उनके विरोध प्रदर्शन में भी सहभागी बन रहे हैं।

Saturday 29 July 2017

अब अच्छे प्राइमरी शिक्षकों को विदेश भेजेगी सरकार

अब अच्छे प्राइमरी शिक्षकों को विदेश भेजेगी सरकार

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा की दशा सुधारने में जुटी सरकार अब प्रोत्साहन की ओर कदम बढ़ाने जा रही है। प्राथमिक विद्यालयों में बेहतर परफार्मेस देने वाले शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उन्हें प्रशिक्षण के लिए सरकार विदेश भेजेगी। मुख्य सचिव राजीव कुमार ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे शिक्षकों को विदेश में प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना बनाई जाए।

शुक्रवार को मुख्य सचिव शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय में बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में तैनात अध्यापकों का आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण आगामी सितंबर, अक्टूबर माह में ही करा दिया जाए। राजीव कुमार ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को कम्प्यूटर की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जाए।

उन्होंने स्कूल बैग आदि का वितरण अगस्त माह तक हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा। छात्रों को निशुल्क पाठ्यपुस्तक, जूता-मोजा, स्कूल बैग और यूनिफार्म व स्वेटर भी समय उपलब्ध कराने और माहवार कैलेंडर बनाने के निर्देश दिए। कहा कि विद्यालयों में तैनात सरप्लस शिक्षकों का समायोजन पारदर्शिता के आधार पर कराया जाए। मुख्य सचिव ने छह-14 आयु वर्ग के सभी छात्र-छात्रओं का शत-प्रतिशत नामांकन पर जोर दिया और अध्यापकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा है। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 1.52 करोड़ छात्र-छात्रओं के सापेक्ष 62422568 छात्रों का आधार पंजीकरण कराए जाने के फलस्वरूप शेष छात्र-छात्रओं का भी आधार पंजीकरण कराये जाने हेतु अभियान चलाया जाए। इसके लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को कहा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का चिकित्सकीय प्रशिक्षण ब्लॉक स्तर पर ही माह अगस्त, सितंबर में ही अवश्य करा दिया जाएं।

Friday 28 July 2017

UPTET अभ्यर्थियों ने शुरू किया प्रदर्शन दी आत्मदाह करने की धमकी*

*UPTET अभ्यर्थियों ने शुरू किया प्रदर्शन दी आत्मदाह करने की धमकी*

जालौन. सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीईटी अभ्यर्थियों के पक्ष में दिये गये फैसले के बाद अब टीईटी पास अभ्यर्थियों ने भी सरकार से नौकरी देनी की मांग शुरू कर दी है। इसी को लेकर जालौन के कलेक्ट्रेट परिसर में टीईटी पास अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन करते हुये जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर जल्द प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू न होने पर टीईटी अभ्यर्थियों ने आन्दोलन और आत्मदाह की धमकी दी।
बता दें कि मायावती सरकार ने 2011 में टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिये प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक के लिये 72825 पद निकाले थे, लेकिन सरकार बदलते ही अखिलेश सरकार ने नया विज्ञापन जारी कर दिया था और उस विज्ञापन को एकेडमिक मेरिट के आधार पर निकाला था। इस विज्ञापन पर सवाल खड़ा करते हुये टीईटी पास अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अखिलेश सरकार के विज्ञापन को रद्द करते हुये टीईटी के नंबर के आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी थी। जिसमें लगभग 66 हजार टीईटी अभ्यर्थियों की भर्ती पूरी हो गयी थी, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां लगभग 5 साल बाद 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुये 7 दिसंबर 2012 के विज्ञापन को वैध करा दिया और एकेडमिक आधार पर नियुक्ति कराये जाने के लिये कहा।


जिसको लेकर आज सैकड़ो टीईटी पास अभ्यर्थी उरई के कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे जहां उन्होंने नारेबाजी करते हुये प्रदर्शन किया। साथ ही योगी सरकार से जल्द काउंसलिंग कराकर नियुक्ति पत्र दिये जाने की मांग की। टीईटी पास अभ्यर्थियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को जो निर्णय दिया है उसमें 7 दिसंबर 2012 के विज्ञापन को वैध करा दिया है और बेसिक शिक्षा नियामावली 15 व 16 वें संशोधन को भी वैध दिया है, इसीलिये सभी टीईटी पास अभ्यर्थियों की जल्द काउंसलिंग कराई। जिससे 6 साल से जो बेरोजगारी का दंश झेल रहे है, उससे निजात मिल सके।
टीईटी अभ्यर्थियों का कहना है कि पिछले 6 साल से संघर्ष में उन्होंने कई अपने साथियों को खोया है, उनके परिजनों को भी सहायता राशि दी जाये। वही उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम केशव मौर्या से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनकी बात को सार्वजनिक मंच से कह चुके है इसीलिये उनकी भर्ती प्रक्रिया जल्द कराई जाये।
टीईटी पास अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी नरेन्द्र शंकर के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा। साथ ही मांग की कि जल्द ही काउंसलिंग कराकर नियुक्ति दी जाए, अन्यथा की स्थिति में सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया जायेगा। जिसका परिणाम 2019 के चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा। जिस तरह सपा और बसपा को पिछले चुनाव में भुगतना पड़ा। इसके अलावा अभ्यर्थी विधानसभा का घेराव कर आत्मदाह करेंगे।
इस दौरान जिलाध्यक्ष राहुल मिश्रा, जयदीप अवस्थी, मनोज बाथम, उपेन्द्र पटेल, अजब सिंह, मंगल सिंह, शांता मिश्रा, रणजीत सिंह, अनिल निरंजन, प्रदीप कटियार, रेहाना, परवीन, चन्द्ररेखा, सहित सैकड़ों अभ्यर्थी मौजूद रहे।

शिक्षामित्रों के समायोजन में ही गलती, बहकावे में आकर तोड़फोड़ न करें: योगी

शिक्षामित्रों के समायोजन में ही गलती, बहकावे में आकर तोड़फोड़ न करें: योगी

Dainikbhaskar.com 28 Jul.2017 14:42

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लखनऊ. सीएम शुक्रवार को विधान परिषद में बजट की चर्चा में शामिल हुए। यहां उन्होंने शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द होने पर कहा- ''इनके समायोजन में ही गलती थी। पूर्व की सरकारों ने गलत किया। अपर मुख्य सचिव को आदेश किया गया है कि वह शिक्षामित्रों का प्रतिवेदन लेकर सरकार के साथ बैठें। सरकार विधिसंगत रास्ते तलाश रही है।'' वहीं, योगी ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा- ''पता नहीं कैसे सदन में अपने पिता पर प्रश्न उठा रहे हैं, जबकी यादव अखिलेश जी के भाग्य विधाता हैं।''

अखि‍लेश के भाग्य विधाता मुलायम

- सीएम योगी ने विधान परिषद में सपा विधायकों द्वारा बायकॉट करने पर कहा- ''उच्च सदन में बैठे हुए लोगों का आचरण कैसा है, इसको देख कर बड़ा आश्चर्य हो रहा है। हम प्रार्थना करते हैं, भगवान उनको बुद्धि दे। बहुत जल्द ही उच्च सदन से भी इनको भागना पड़ेगा।''
- सीएम ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा- ''पता नहीं कैसे सदन में अपने पिता पर प्रश्न उठा रहे हैं, जबकी मुलायम सिंह यादव अखिलेश जी के भाग्य विधाता हैं।''

सड़क पर तोड़फोड़-हिंसा न करें: शिक्षामित्रों से योगी
- वहीं, शिक्षामित्रों पर योगी ने कहा- ''इनके समायोजन में ही गलती थी। पूर्व की सरकारों ने गलत किया। अपर मुख्य सचिव को आदेश किया गया है कि वह शिक्षामित्रों का प्रतिवेदन लेकर सरकार के साथ बैठें। सरकार विधिसंगत रास्ते तलाश रही है।''
- ''मुझे लगता है कि जब सरकार विचार कर रही है तो सड़क पर हिंसा ठीक नहीं। सड़क पर तोड़फोड़ न करें, हिंसा न करें, किसी के बहकावे में ना आएं। विपक्ष उन्हें केवल वोट बैंक मानता है।''
- ''हिंसा होगी और हिंसा का शिकार कोई निर्दोष होगा तो सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाएगी। आप प्रदर्शन न करें, बल्कि स्कूल में जाकर पढ़ाएं। अगर लोकतांत्रिक तरीके से बात कही जाएगी तो बात सुनी जाएगी। अगर विपक्ष धमकी देगा तो सरकार धमकी देने से डरने वाली नहीं है।''
- ''सभी शिक्षामित्रों से कह रहा हूं कि सबकी बातें सुन रहा हूं। जिनका समायोजन नहीं हुआ था उनका मानदेय बढ़ाया गया है। लोकतंत्र में रास्ता निकलता है। हम रास्ता निकालेंगे। सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगी।''

पिछली सरकारों का किसानों के प्रति कोई एजेंडा नहीं
- योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा- ''प्रतिपक्ष के बातों में विरोधाभाष था। ये बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इस बजट में 36 हजार करोड़ ऋण मोचन का काम किया गया। लोगों को लगा कि केंद्र सरकार बजट में मदद करेगी।''
- ''बहुत सारे लोग अपने को किसान पुत्र कहते हैं, किसान नेता कहते हैं, लेकिन सही मायनों में इस सरकार ने काम किया है। जब सच्चाई का सामना करने की हिम्मत नहीं होती तो पलायन करते हैं। किसानों के लिए हम एहसान नहीं कर रहे हैं।''
- योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा- ''प्रदेश में चार कृषि विश्वविद्यालय हैं, उनको आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है। पिछली सरकारों का किसानों के प्रति कोई एजेंडा नहीं था। किसान उनके एजेंडे में था ही नहीं, वरना 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र खुल जाते।''
- ''इन्होंने पिछले 12-15 वर्षों में जोड़ने नहीं तोड़ने का काम किया। इसका प्रदर्शन दोनों सदनों में देखने को मिला है। प्रदेश के विकास के प्रति कोई भाव नहीं था।''

शिक्षामित्रों की व्यथा बताती एक कविता

सोलह साल तक करी तपस्या, सत्रह में हम हार गये
मानवता अब तार-तार है, पिछले दिन बेकार गये
हमने पूरी तन्मयता से, शिक्षक का सपना पाला था
जब संकट में थी बेसिक शिक्षा, हमने ही उसे सम्हाला था
तुम भूल गये उन घड़ियों को, जब शिक्षा के दिन भी काले थे
हर तरफ अँधेरा छाया था, और लटक रहे जब ताले थे
तब हमने घर-घर जा करके, शिक्षा की नब्ज टटोला था
जो बंद पड़े थे विद्यालय, अपने हाँथों से खोला था
घड़ी कहे जाओ स्कूल, जब बच्चा-बच्चा बोला था
तकली के तक-तक, धिन-धिन में, हर बच्चे को तोला था
तब भरी जवानी थी अपनी, शिक्षा की अलख जगाई थी
तुम इतिहास उठाकर देखो तो, इक नयी रोशनी आई थी
दे सको अगर तो लौटा दो, अपना वह समय जवानी का
सौगन्ध तुम्हारी हे मात्रभूमि, वह कर्ज दूध और पानी का
चुकता करके दिखला देंगे, जो ढोंग करें आजादी का
हम स्वाद चखा दें उनको भी, जो दम भरते बर्बादी का
हम और नहीं सह सकते अब, सिंहासन आज हिला देंगे
ये भूखा प्यासा कुनबा है, तुमको भी यही सिला देंगे
सत्ता के गलियारों में परिवार हमारा चीखा है
हम एक घाट पर पानी अब, तुमको भी आज पिला देंगे
हम तो जीवन से हार गये, पर हार तुम्हारी भी होगी
यह वक्त तुम्हें भी देखेगा, जो भूलें तुमने की होगी
तुम भूल सुधारो अपनी अब, ओ यूपी सत्ता के भोगी जी
मँझधार भवँर में है नैया, उस पार करो तुम योगी जी
               🌹 साकार 🌹🙏

Thursday 27 July 2017

Shiksha Mitra के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी, UP सरकार किसी को नहीं हटाएगी

Shiksha Mitra के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी, UP सरकार किसी को नहीं हटाएगी

Shiksha Mitra के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी, UP सरकार किसी को नहीं हटाएगी
Patrika 27 Jul 2017 10:57

लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा शिक्षा मित्रों (Shiksha Mitron) का समायोजन रद्द करने के फैसले के बाद पूरे प्रदेश के शिक्षा मित्र उग्र हो गए हैं। बुधवार को शिक्षा मित्रों ने प्रदेश भर में सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। वहीं इस बीच बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह का जो बयान आया है वह शिक्षा मित्रों को थोड़ी राहत देने वाला है। राजप्रताप सिंह ने कहा है कि यूपी में 1.37 लाख सहायक शिक्षक दोबारा शिक्षा मित्र बन गए हैं। लेकिन सरकार किसी को हटाने नहीं जा रही। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा मित्रों को राहत देने के विकल्प तलाश रहे हैं।

शिक्षा मित्रों के साथ हमारी सहानुभूति

राजप्रताप सिंह ने कहा कि हमने शिक्षा मित्रों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन किया है। अब हमारी सबसे पहली जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पालन करना है। यूपी के 1.37 लाख शिक्षा मित्रों को होने वाले आर्थिक नुकसान पर राज प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश के हर शिक्षा मित्र के साथ हमारी सहानुभूति है। हम शिक्षा मित्रों के हितों की रक्षा के लिए हर मुमकिन विकल्प पर विचार कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: सरकार किसी शिक्षा मित्र को नहीं हटाएगी
आपको बता दें कि सरकार ने कहा था कि यूपी में 65 हजार सरप्लस शिक्षक हैं। लेकिन अब 1.37 लाख शिक्षा मित्रों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में शिक्षकों की कमी हो जाएगी। इस पर राज प्रताप सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से 1.37 लाख सहायक शिक्षक दोबारा शिक्षा मित्र बन गए हैं। सरकार किसी को हटाने नहीं जा रही। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नियुक्ति में प्राथमिकता टीईटी के दो मौके देने को कहा है। सरकार ये सारे मौके प्रदेश के सभी शिक्षा मित्रों को देगी।


वेतन के बारे में ली जा रही राय

शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद उन्हें जुलाई से मिलने वाले वेतन पर राजप्रताप सिंह ने कहा कि इस पर कानूनी राय ली जा रही है। अभी हमारी प्राथमिकता शिक्षा मित्रों की समस्या का समाधान करना है। हर संभव विकल्प पर विधिक राय लेकर जो भी प्रस्ताव होगा उसे कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। हम किसी भी शिक्षा मित्र का अहित नहीं होने देंगे। ये हो सकते हैं विकल्प
शिक्षा मित्रों को राहत देने के लिए अब जो विकल्प हैं उसके मुताबिक प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती है। वहीं 1.37 लाख शिक्षा मित्रों में से 30 हजार शिक्षा मित्र टीईटी पास हैं। प्रदेश सरकार उन्हें नई भर्ती निकालकर तुरंत समायोजित कर सकती है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में भी शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। लेकिन त्रिपुरा सरकार अब उन्हें गैर शैक्षणिक पदों पर समायोजित करने जा रही है। उत्तर प्रदेश में भी विभिन्न विभागों में करीब दो लाख से अधिक पद रिक्त हैं। सरकार चाहे तो यूपी के शिक्षा मित्रों को भी गैर शैक्षणिक पदों पर समायोजित कर सकती है। सरकार के सामने एक रास्ता ये भी है कि शिक्षा मित्रों को वर्तमान में मिल रहे वेतन पर पदनाम बदलकर स्कूलों में पढ़ाने का मौका दिया जा सकता है। एक रास्ता और है जिसके मुताबिक शिक्षा मित्रों के पढ़ाने के अनुभव को देखते हुए केेन्द्र सरकार टीईटी की अनिवार्यता खत्म करने का अध्यादेश लेकर आए और उनको सहायक शिक्षक पद पर समायोजित करे। अब केंद्र और राज्य सरकार शिक्षा मित्रों को राहत देने के लिए क्या रास्ता निकालती है, यह देखने वाली बात होगी।