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Friday, 28 April 2017

भर्ती 66000 सहायक शिक्षक बने रहेंगे

भर्ती 66000 सहायक शिक्षक बने रहेंगे

राहत

प्रदेश में 2011 का सहायक शिक्षक भर्ती मामला

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के 66000 सहायक शिक्षकों के लिए सुप्रीमकोर्ट से खुशखबरी के संकेत आये हैं। कोर्ट ने गुरुवार को सहायक शिक्षक भर्ती मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि भर्ती हो चुके करीब 66000 सहायक शिक्षको को नहीं छेड़ा जाएगा। कोर्ट भविष्य में भर्ती के मानक तय करने पर अपना फैसला सुनाएगा। दूसरी तरफ शिक्षा मित्रों का मामला सुप्रीमकोर्ट ने मुख्य मामले से अलग कर दिया है और शिक्षा मित्रों के मामले पर कोर्ट 2 मई को सुनवाई करेगा। 1ये मामला उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों में 2011 की सहायक शिक्षक भर्ती योजना का है जिसमें 72825 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था। भर्तियां हुईं लेकिन 20 नवंबर 2013 को हाईकोर्ट ने शिक्षक योग्यता मानदंडों से जुड़ा राज्य सरकार का 15वां संशोधन रद करते हुए भर्तियां निरस्त कर दी थीं। ये मामला भर्ती मानकों से जुड़ा है। यह होना है कि सहायक शिक्षकों की भर्ती का मानदंड सिर्फ टीईटी होगा या फिर एकेडेमिक मेरिट मानक होगी। इस मामले मे उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है। 1गुरुवार को न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल व न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए साफ किया कि कोर्ट अभी तक भर्ती हो चुके 66000 शिक्षकों को नहीं छेड़ेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि वो अपने अंतरिम आदेश में कोई बदलाव नहीं कर रहा है। इससे पहले प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील दिनेश द्विवेदी और राकेश मिश्र ने हाईकोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि टीईटी को शिक्षक योग्यता का एकमात्र मानक नहीं माना जा सकता इसे भर्ती में 10 या 20 फीसद महत्व दिया जा सकता है लेकिन ये एकमात्र आधार नहीं हो सकता। सरकार द्वारा एकेडमकि मेरिट को आधार मानना ठीक है।’>>सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि भर्ती हो चुके सहायक शिक्षकों को नहीं छेड़ा जाएगा1’>>भविष्य में भर्ती के मानक तय करने पर सुप्रीमकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

SUPREME COURT CASE UPDATE: 27 APRIL 2017: मिशन सुप्रीम कोर्ट & संघ टीम यूपी की कलम से आँखों देखा हाल सुनवाई का

SUPREME COURT CASE UPDATE: 27 APRIL 2017: मिशन सुप्रीम कोर्ट & संघ टीम यूपी की कलम से आँखों देखा हाल सुनवाई का
⚖ SUPREME COURT CASE UPDATE: 27 APRIL 2017
®मिशन सुप्रीम कोर्ट & संघ टीम यूपी
✍🏼 ओम नारायण तिवारी
जैसा कि मैंने पहले की अपनी पोस्ट में मेंशन किया था कि कोर्ट में सभी सिविल अपील 4347-4375/2014 से कनेक्टेड केसों की सुनवायी का क्रम इस प्रकार होगा।
✍🏼1- 72825 में impugned judgment 20.11.2013 के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की सिविल अपील 4347
✍🏼2- 29334 गणित/विज्ञानं भर्ती समेत समस्त अकादमिक भर्तियां के impugned judgment दिनांक 01.12.2016 के खिलाफ जूनियर और अकादमिक वालों की अपील।
✍🏼3- शिक्षा मित्र की भर्ती के खिलाफ दिनांक 12.09.2015 के impugned judgment की अपील।

आज 11.15 पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 72825 में फाइल की गयी सिविल अपील 4347/2014 टेक अप हुई जिसमें कोर्ट के नियमों के मुताबिक अपीलार्थी उत्तर प्रदेश सरकार को बोलने का मौका मिला प्रदेश के अधिवक्ता जनरल की गैरमौजूदगी में बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता श्री राकेश खन्ना जी और दिनेश द्विवेदी ने 72000 भर्ती के संबंध में अपने पक्षो को रखा। चूँकि 4347 में मुख्य 4 जो issues निर्धारित हुए थे, उनके according ही बहस की दिशा निर्धारित थी।

प्रदेश सरकार के द्वारा मुख्यता इस बात पर बहस की गयी कि सरकार भर्ती के मापदंड को निर्धारित करने ने पूर्णता स्वतंत्र है इसमें हस्तक्षेप गलत है, कोर्ट ने इस बात पर अपनी सहमति जताई की प्रदेश सरकार को बाध्य नहीं किया जा सकता बहरी नियम लागू करने के लिए

एक बात विशेष यह है टीम संघ ने अपने रीसर्च टीम के माध्यम से एक्सक्लूसिव पुरे भारतवर्ष से साक्ष्य और दस्तावेज़ इकठ्ठे करके फाइल की अपनी सीताराम की slp में ऐसे सभी दस्तावेज़ और rti दाखिल की है जिसके दवाब में ncte ने अपने rti के माध्यम से आंशिक रूप से ये माना है कि सरकार टेट weightage के बिंदु पर अपने विवेकानुसार भर्ती करनेे के लिए स्वतंत्र है और उसे बाध्य नहीं किया जा सकता है। यहां पर संघ की रीसर्च विंग केे वो कर्मठ साथी क्रिष मोहन सिंह जी, कृष्णा द्विवेदी जी, धीरेंद्र प्रताप सिंह जी अभिषेक जायसवाल जी , विशाल लाम्बा जी और अन्य सभी साथी जिन्होंने इस भर्ती की दिशा बदल दी 9(बी) की मेहनत ने इस जूनियर भर्ती को काल के मुह में जाने से बचाने के लिए प्रयास किया इस दूरदर्शिता के लिए टीम संघ की विचारधारा को सलाम।

सरकार की अपील की इस बहस में सभी पक्षो ने चाहे वो 72000 टेट मेरिट हो के पक्षकार शिक्षा मित्रों के पक्षकार, हम 29334 गणित/विज्ञानं के पक्षकारों ने बीच में अपनी बात रखनी शुरू कर दी। कोर्ट रूम में बहुत अधिक शोर आरम्भ हो गया संघ के सीनियर अधिवक्ता सिंघवी साहब भी बहस के दौरान कोर्ट रूम में दाखिल हुए और उन्होंने अपनी बात संक्षेप में रखी और सरकार की भर्ती मानदंडों को तय करने की स्वतंत्रता की बात दुहरायी। संघ के सीनियर अधिवक्ता श्री वी शेखर जी पहले ही कोर्ट रूम में मौजूद थे।

बहुत अधिक शोर होने के कारण कोर्ट ने 72825 के केस में जुड़े सभी पक्षकारों को अपनी बात रिटेन सबमिशन में देने को कहा।
💥 लंच के पश्चात 2 बजे पुनः संघ के सीनियर अधिवक्ता श्री वी शेखर जी और अन्य सीनियर अधिवक्ता श्री के टी एस तुलसी जी ने अपने जूनियर समेत समस्त अकादमिक केस को दुबारा मेंशन किया हालाँकि कोर्ट ने बचे हुए 2 impugnes judgment वाले केसों की सुनवायी के लिए अगली तारीख 02 मई 2017 सुनिश्चित कर दी।
सारांश-:
🔽
1⃣ 72825 भर्ती से सम्बंधित केसों की सुनवाई पूरी और फैसला 2 मई के बाद के लिए सुरक्षित।।।
2⃣ कोर्ट ने भर्ती के मापदंड तय करने के अधिकार को सरकार का अधिकार माना इसमें हस्तक्षेप से इंकार किया।।।
3⃣ अब तक हुई भर्तियों में किसी appointed को नुक्सान देने से कोर्ट ने मना किया इस परिस्थिति में 72825 पर कोर्ट का हस्तक्षेप अब लगभग ख़त्म प्रतीत होता है, हालाँकि अभी सभी पक्षकारों को अपना रिटेन सबमिशन देना है कोर्ट में और मामूली परिवर्तन हमेशा अपेक्षित है।।।
4⃣ Impugned judgment दिनांक 01.12.2016 जूनियर समेत सभी अकादमिक केसों की अपील और शिक्षा मित्र के impugned जजमेंट दिनांकित 12.09.2015 के अपील केसों की सुनवाई 2 मई 2017 निर्धारित की गयी है।।।
5⃣ विशेष...कोर्ट ने इस बात के पक्ष में अपनी राय दी की कोर्ट के द्वारा आने वाले फैसले का असर prospective (भविष्य लक्षी)होगा ,restrospective (भूत लक्षी) नहीं होगा।।।
!!भ्रम न फैलाये......न फैलने दें!!
आगे आने वाले घटनाक्रम पर पूरी नज़र है...
ॐ नारायण तिवारी
क्रिस सिंह
सुप्रीम कोर्ट से
®मिशन सुप्रीम कोर्ट
&
उच्च प्राथमिक शिक्षक संघ
यू0पी0

Thursday, 27 April 2017

72825 टीचर भर्तीः यूपी में भर्ती हुए अभ्यर्थी नौकरी करते रहें- SC

72825 टीचर भर्तीः यूपी में भर्ती हुए अभ्यर्थी नौकरी करते रहें- SC
   

नई दिल्ली अ+अ-
Updated: 27-04-17 04:06 PM
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में हुई 72825 टीईटी शिक्षकों के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने कहा जो लोग काम कर रहे हैं वे काम करते रहेंगे। लेकिन जो नई भर्ती होगी उसके लिए कोर्ट दिशानिर्देश जारी करेगा। शिक्षक योग्यता परीक्षा (टीईटी) पास उम्मीदवार टीइटी के साथ शैक्षणिक योग्यता जोड़ने के नियम का विरोध कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों के शिक्षक के रूप में समायोजित करने के मामले में सुनवाई 2 मई को होगी।
इससे पहले उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती को लेकर होने वाली सुनवाई बुधवार को नहीं हो सकी थी। जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की पीठ ने कहा कि इस मामले में टीईटी विवाद और शिक्षामित्रों के मामले अलग से सुने जाएंगे। गुरुवार को टीईटी विवाद पर सुनवाई होगी। टीईटी विवाद 72000 शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा है। तत्कालीन सपा सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी को ही योग्यता नहीं माना था और कहा था कि टीईटी के साथ अच्छी शैक्षणिक योग्यता भी होनी चाहिए।
बुधवार सुबह जब सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट में इतनी भीड़ हो गई कि मामले को पासओवर करना पड़ा। कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले से जुड़े वकील ही कोर्ट में आएं। साथ में उनके क्लर्क न आएं। वहीं कोर्ट ने कहा कि इस मामले में किसी भी शिक्षामित्र को कोर्ट में नहीं आने दिया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले भी कोर्ट शिक्षामित्रों के कोर्ट में आने पर रोक लगा चुका है।

जानिए आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की केस की डिटेल्स

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जानिए आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की केस की डिटेल्स

1. 12वें बनाम 15वें/16वें अर्थात टेट बनाम ऐकडेमिक की सिविल अपील 4347-4375/2014 और उससे कनेक्टेड इम्लीडमेन्ट ऍप्लिकेशन्स की सुनवाई पूर्ण, फैसला रिजर्व।

2. सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर हुई शिक्षक नियुक्तियों को ललित सर ने बहाल रखा।

3. 90/105 के क्राईटेरिया खत्म, 82/90 टेट अंक पाने वाले सभी अर्ह।

3. शिक्षक चयन प्रणाली में टेट वेटेज अनिवार्य।

4. अब शिक्षामित्र व याचियों के परमादेश याचिकाओं का फाइनल निस्तारण मंगलवार को।

5. सारे मेटर को डिसाइड करके जजमेंट एक साथ आएगा।

कोर्ट योग्य अभ्यर्थियों के प्रति पूर्णतयः सकारात्मक हैं व 82/90 टेट तक के सभी अभ्यर्थी अर्ह/पात्र हैं। मंगलवार को केस पूर्णतयः निस्तारित हो जाएगा। जिसमें हमारे सभी बीएड टेट साथियों का कल्याण होना निश्चित हैं।

जज गोयल जी तय किये गये 3 मुद्दे मे एक order reserve किया.
अब s.m और य़ाचि मुद्दा 2 may को
सभी आदेश एक साथ देगे
सभी अन्तरीम आदेश पर court का रुख सकारतमक

धन्यवाद्
____

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*आज की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का सारांश संक्षिप्त में ADP News की तरफ से*

🇦 🇩 🇵🚩 🇳 🇪 🇼 🇸

आज लगभग डेढ़ से पौने 2 घंटे चली बहस का निष्कर्ष यही है कि
⚫ 72825 पर बहस करके फैसला पूरी तरह सुरक्षित और इस भर्ती को 100% हरी झंडी
⚫ 29 हजार गणित विज्ञान जूनियर समेत 15 में संशोधन पर आधारित सभी भर्तियों की सुनवाई 2 मई को होगी
⚫ आज याचियों के लिए कोई खास बात नहीं हो पाई इसकी भी सुनवाई 2 मई को होगी।
⚫ बहस की शुरुआत में शिक्षामित्रों के वकीलों समेत सभी विरोधी पक्षों ने 72825 के विरोध में बहुत सारी दलीलें दी लेकिन कोर्ट ने सारी दलीले नकार दी और 72825 भर्ती को सही साबित .।
⚫ शिक्षामित्रों की सुनवाई भी अब 2 मई को होगी।
*कुल मिलाकर 72825 बैच के हमारे सभी साथी आज से ही जश्न मनाना शुरू कर दें जीत हो चुकी है बस इसकी इबारत लिखना बाकी है।*
*जय टेट जय 72825* 🚩🚩🚩

सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्र, 72825, अकेडमिक vs tet सुनवाई शुरू

सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्र, 72825, अकेडमिक vs tet सुनवाई शुरू

Wednesday, 26 April 2017

Case Update 7

कल कोर्ट न० 13 आइटम न० 14 में लगभग 11 से साढ़े 11 के बीच मेटर सुना जाएगा |
कोई पास नहीं बनेगा और कल मा० उच्चत्तम न्यायालय के परिसर में भी घुसने पर पाबंदी होगी |
शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग के विरुद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता जेपी कामा जी की ब्रीफिंग पूर्ण |
आरटीई एक्ट (याची लाभ) एवं शिक्षा मित्र मेटर पर अधिवक्ता नंदन साहब को ब्रीफ करने के लिए कूच |
धन्यवाद
हर हर महादेव

( सोशल मीडिया से साभार)

सीबीएसई की तर्ज पर छुट्टियों की मांग

सीबीएसई की तर्ज पर छुट्टियों की मांग*

जासं, ग्रेटर नोएडा : प्राथमिक शिक्षक संघ की एक बैठक बुधवार को उच्च प्राथमिक विद्यालय तुगलपुर में हुई। इसमें अध्यापकों ने महापुरुषों की जयंती पर होने वाली छुट्टियों को रद करने के फैसले का स्वागत करते हुए शासन से सीबीएसई की तर्ज पर छुट्टियों की मांग की। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाअध्यक्ष मेघराज भाटी ने बताया कि सुविधा के नाम पर बेसिक शिक्षकों के साथ दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं, जबकि राजकीय व केंद्रीय विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों को तीस दिन का अवकाश व चिकित्सा सुविधाएं दी जाती हैं। वहीं, बेसिक शिक्षकों को इस तरह की कोई सुविधा नहीं दी जाती है। उन्होंने बताया कि जल्द ही शिक्षक संघ पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने व शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिए जाने समेत अन्य मांगों को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष रखेगा। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों समेत कार्यकारिणी के अन्य सदस्य मौजूद रहे।*

जासं, ग्रेटर नोएडा : प्राथमिक शिक्षक संघ की एक बैठक बुधवार को उच्च प्राथमिक विद्यालय तुगलपुर में हुई। इसमें अध्यापकों ने महापुरुषों की जयंती पर होने वाली छुट्टियों को रद करने के फैसले का स्वागत करते हुए शासन से सीबीएसई की तर्ज पर छुट्टियों की मांग की। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाअध्यक्ष मेघराज भाटी ने बताया कि सुविधा के नाम पर बेसिक शिक्षकों के साथ दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं, जबकि राजकीय व केंद्रीय विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों को तीस दिन का अवकाश व चिकित्सा सुविधाएं दी जाती हैं। वहीं, बेसिक शिक्षकों को इस तरह की कोई सुविधा नहीं दी जाती है। उन्होंने बताया कि जल्द ही शिक्षक संघ पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने व शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिए जाने समेत अन्य मांगों को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष रखेगा। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों समेत कार्यकारिणी के अन्य सदस्य मौजूद रहे।

शिक्षामित्रों के भाग्य के फैसले पर सुनबाई लगातार सुप्रीम कोर्ट मे होगी


शिक्षामित्रों के भाग्य के फैसले पर सुनबाई लगातार सुप्रीम कोर्ट मे होगी


 यूपी के प्राथमिक स्कूलो की सभी भर्तियो शिक्षामित्र समायोजन, 72825 शिक्षक भर्ती व एकेडमिक मैरिट पर बीटीसी टीईटी उतीर्ण शिक्षकों की नियुक्ति की सुनवाई आज 26 अप्रैल 2017 को माननीय सुप्रीम कोर्ट मे जस्टिस आदर्श गोयल, जस्टिस यू. यू. ललित की बेन्च नम्बर 13, आईटम नम्बर 33 पर लन्च से पहले लगभग 17 मिनट हुई! बाद न्यायमुर्ती ने केस पास ओवर करते हुये सुनबाई करने के लिये लन्च के बाद लगा दिया! जिसमे सरकारी अधिवक्ता व संगठन के अधिवक्ताओ ने शिक्षामित्रो का पक्ष मजबूती से रखने की पूरी तैयारी कर ली थी, परन्तु कोर्ट डिसचार्ज हो गई और कल सुनबाई कांटीन्यू रखने को कहा, अब कल पहले 72825, फिर एकेडमिक शिक्षक भर्ती पर फाईनल सुनबाई होगी! तब बाद मे शिक्षामित्र मेटर पर अन्त मे सुनबाई होगी! बताते चले कि माननीय हाईकोर्ट इलाहाबाद से शिक्षामित्रो का समायोजन निरस्त होने के बाद सरकार व दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने सर्वोच्च न्यायालय मे slp दायर कर हाईकोर्ट के निर्णय पर स्थगन आदेश का अनुरोध किया था! जिसपर कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे दिया था, जिसपर माननीय सुप्रीम कोर्ट अब लगातार सुनबाई कर फैसला दिया जायेगा! ऊधर आज सुबह दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संगठन के पदाधिकारियो ने भारत के गृहमंत्री माननीय राजनाथ सिहं से मुलाकात कर शिक्षामित्रो की पैरवी अच्छे अधिवक्ताओ से कराने का अनुरोध किया था, जिसपर माननीय द्वारा संगठन को पूर्ण आश्वासन दिया है! कोर्ट ने साफ कहा है कि सभी मेटर क्रमबद्ध तरीके से सुने जायेगे! और अब हम इस मेटर को फाईनल करेगे, बताते चले कि सरकार ने अपना शपथ पत्र भी कोर्ट मे दाखिल किया है! जिसमे शिक्षामित्रो को शिक्षको के स्थान पर दिखाया है! शीर्ष कोर्ट में एक लाख 70 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन, 72 हजार शिक्षक भर्ती व टीईटी उत्तीर्ण युवाओं के प्रकरण की सुनवाई होनी है। जो पिछले दो वर्षो से बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की सुनवाई कोर्ट से लगातार टल रही है। इससे करीब दो लाख 75 हजार शिक्षकों की तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। उम्मीद है कि इस बार सुनवाई आगे नही बढ़ेगी। और सूबे के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 1 लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितंबर 2015 को उनका समायोजन रद्द कर दिया था। इस आदेश के बाद करीब 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन भी रोक दिया गया था। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सात दिसंबर 2015 को समायोजित शिक्षामित्रों को राहत देते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही 72825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट व बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती एकेडमिक मेरिट पर हुई थी। साथ ही 12091 की नियुक्ति, 1100 याची प्रकरण आदि मामले शीर्ष कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन हैं। इन सभी मामलों की सुनवाई आज 26 अप्रैल को होनी थी, शीर्ष कोर्ट मे जस्टिस आदर्श गोयल व जस्टिस यू.यू. ललित की बेंच इन मामलों की सुनवाई करेगी। पहले इस प्रकरण की सुनवाई जस्टिस दीपक मिश्रा व जस्टिस खानवेलकर कर रहे थे, लेकिन दोनों ने सुनवाई करने से इन्कार कर दिया था, तब नई बेंच का गठन किया गया है। अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टिकी हैं। ऊधर सरकार की ओर से भी शिक्षामित्रो की मजबूत पैरवी के लिये शासन स्तर पर तैयारी चल रही है! शिक्षामित्रो की ओर से पैरवी हेतु सुप्रीम कोर्ट के जाने माने बरिष्ठ अधिवक्ताओ को पैरवी कराने की जिम्मेदारी सौपी गई है!

27 /4/17 ki sunvaai ke liye Morcha parivar ki post

✍🏻... मोर्चा परिवार
साथियों नमस्कार,,,,
🚩🚩🚩👁🚩🚩🚩
सुप्रीम कोर्ट - - - - - - - -
🕹कल

*दिनांक 27-04-2017.. सुनवाई कोर्ट नं० 13 न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल और यू यू ललित जी की वेंच में - - -*

सभी मुकदमों से वंच मैटर की सिविल अपील 4347-4375, की सुनवाई *आइटम नंबर 14*......
💯Ⓜ *जूनियर भर्ती*
धन्यवाद,,,,kuch achha ho jaye

Case Update 6

सुनवाई अब कल होगी

25 no. केस 4 बजै तक चलेगा

Case Update 5

सुनवाई के क्रम निर्धारित             

   1- टेट बनाम अकेमदिक           

    2-सभी कंटेप्ट                           

3-उसके बाद शिक्षामित्र मेटर        

  Note-: सभी लालुपञ्जु वकील व् क्लर्क की एंट्री बंद रहेगी आज        

Case Update 4

उत्तर-प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक भर्ती की माननीय सर्वोच्च न्यायालय के कोर्ट न०11 में आइटम न०33 पर लगे मामले की सुनवाई आज लगभग 15 मिनट तक हुई। आज ही लंच बाद मामले की सुनवाई जारी रहेगी....प्रबल सम्भावना कि आज से कल तक में कुछ ठोस निर्णय आ जाए।

Case Update 2

सबसे पहले 4347(12&15&16th अमेंडमेंट) फिर कंटेम्प्ट फिर शिक्षामित्र मामला सुना जायेगा
कोर्ट में क्लाइंट और एडवोकेट के क्लर्क की एंट्री भी बन्द और सिर्फ एडवोकेट वह भी गाउन वाले allow
वृजेन्द्र कश्यप

Case update 3

सुनवाई समाप्त । विस्तृत जानकारी थोड़ी देर में

केस पास ओवर लंच के बाद या पहले ही सुनवाई दोबारा भीड़ की बजह से हुआ पास ओवर * NEWS BY वृजेन्द्र कश्यप

SC case Update 1

UPTET 72825 - SHIKSHAMITRA केस की सुनवाई 25 मिनट से लगातार जारी

Tuesday, 25 April 2017

मोदी सरकार की कसौटी पर ‘मिड डे मील’

मोदी सरकार की कसौटी पर ‘मिड डे मील’

जागरण विशेष

मुकेश केजरीवाल ’ नई दिल्ली1देशभर के 11 लाख से ज्यादा सरकारी स्कूलों के 10 करोड़ से ज्यादा बच्चों तक पहुंच रही ‘मिड डे मील’ योजना अब मोदी सरकार की कसौटी पर है। सरकार ने दो दशक से ज्यादा पुरानी इस योजना की पहली व्यापक समीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगले छह महीनों में यह तय किया जाएगा कि इस योजना को मौजूदा स्वरूप में जारी रखना है या नहीं।1मानव संसाधन विकास मंत्रलय के एक वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक, ‘यह अपनी तरह की ऐसी पहली व्यापक समीक्षा होगी जिसमें यह देखा जाएगा कि यह कार्यक्रम वास्तव में अपने उद्देश्य और इससे संबंधित लक्ष्य को कितना हासिल कर पा रहा है।’ यूं तो इस बेहद महत्वाकांक्षी केंद्रीय योजना की नियमित समीक्षा के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं। वर्ष 2009 से हर वर्ष मंत्रलय के साझा समीक्षा मिशन (जेआरएम) के तहत इसका आकलन किया जाता है। इसी तरह वर्ष 2014 में एक विशेष आकलन किया गया था। लेकिन, वह सिर्फ एक-दो राज्यों तक सीमित था। इस लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी समीक्षा वर्ष 2010 में योजना आयोग ने की थी। लेकिन, ताजा समीक्षा का दायरा काफी व्यापक होगा। 1इसके लिए पेशेवर एजेंसी के चयन की प्रक्रिया चल रही है। इसे तीन महीने की अवधि में 20 राज्यों के 70 जिलों में जमीनी स्तर पर आंकड़े जुटाकर उनका विश्लेषण करना है। इसके लिए हर जिले में 40 स्कूलों का अध्ययन किया जाएगा। अगस्त तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लेना है। इस समीक्षा के दौरान मिड डे मील योजना के हर पहलू और हर स्तर पर विचार किया जाएगा। 1देखा जाएगा कि केंद्र सरकार के खजाने से लेकर बच्चों की थाली तक सरकारी धन किस तरह पहुंच रहा है। वास्तव में इस योजना से स्कूलों में बच्चों की संख्या और नियमित रूप से उनकी उपस्थिति बढ़ी या नहीं।मुकेश केजरीवाल ’ नई दिल्ली1देशभर के 11 लाख से ज्यादा सरकारी स्कूलों के 10 करोड़ से ज्यादा बच्चों तक पहुंच रही ‘मिड डे मील’ योजना अब मोदी सरकार की कसौटी पर है। सरकार ने दो दशक से ज्यादा पुरानी इस योजना की पहली व्यापक समीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगले छह महीनों में यह तय किया जाएगा कि इस योजना को मौजूदा स्वरूप में जारी रखना है या नहीं।1मानव संसाधन विकास मंत्रलय के एक वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक, ‘यह अपनी तरह की ऐसी पहली व्यापक समीक्षा होगी जिसमें यह देखा जाएगा कि यह कार्यक्रम वास्तव में अपने उद्देश्य और इससे संबंधित लक्ष्य को कितना हासिल कर पा रहा है।’ यूं तो इस बेहद महत्वाकांक्षी केंद्रीय योजना की नियमित समीक्षा के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं। वर्ष 2009 से हर वर्ष मंत्रलय के साझा समीक्षा मिशन (जेआरएम) के तहत इसका आकलन किया जाता है। इसी तरह वर्ष 2014 में एक विशेष आकलन किया गया था। लेकिन, वह सिर्फ एक-दो राज्यों तक सीमित था। इस लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी समीक्षा वर्ष 2010 में योजना आयोग ने की थी। लेकिन, ताजा समीक्षा का दायरा काफी व्यापक होगा। 1इसके लिए पेशेवर एजेंसी के चयन की प्रक्रिया चल रही है। इसे तीन महीने की अवधि में 20 राज्यों के 70 जिलों में जमीनी स्तर पर आंकड़े जुटाकर उनका विश्लेषण करना है। इसके लिए हर जिले में 40 स्कूलों का अध्ययन किया जाएगा। अगस्त तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लेना है। इस समीक्षा के दौरान मिड डे मील योजना के हर पहलू और हर स्तर पर विचार किया जाएगा। 1देखा जाएगा कि केंद्र सरकार के खजाने से लेकर बच्चों की थाली तक सरकारी धन किस तरह पहुंच रहा है। वास्तव में इस योजना से स्कूलों में बच्चों की संख्या और नियमित रूप से उनकी उपस्थिति बढ़ी या नहीं।’>>पहली बार इतने व्यापक स्तर पर समीक्षा, अगस्त तक होगी पूरी1’>>खजाने से बच्चों की थाली तक के धन के सफर का होगा आकलन1क्या हैं पैमाने1’>>छात्रों की कुल संख्या व उपस्थिति में क्या बदलाव आया1’>>वास्तव में बच्चों के पोषण की स्थिति बेहतर हुई या नहीं1’>>किस राज्य में कितने प्रभावी तरीके से अमल में लाई जा रही1’>>हर स्तर पर रिकार्ड रखने की कैसी है व्यवस्था 1’>>वित्तीय प्रबंधन और निगरानी की व्यवस्था कितनी उपयुक्त1’>>स्कूलों में दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक भागीदारी कितनी बढ़ी1’>>परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता कैसी है