Welcome to BASIC KA TEACHER.COM

Translate

Thursday 27 July 2017

Shiksha Mitra के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी, UP सरकार किसी को नहीं हटाएगी

Shiksha Mitra के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी, UP सरकार किसी को नहीं हटाएगी

Shiksha Mitra के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी, UP सरकार किसी को नहीं हटाएगी
Patrika 27 Jul 2017 10:57

लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा शिक्षा मित्रों (Shiksha Mitron) का समायोजन रद्द करने के फैसले के बाद पूरे प्रदेश के शिक्षा मित्र उग्र हो गए हैं। बुधवार को शिक्षा मित्रों ने प्रदेश भर में सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। वहीं इस बीच बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह का जो बयान आया है वह शिक्षा मित्रों को थोड़ी राहत देने वाला है। राजप्रताप सिंह ने कहा है कि यूपी में 1.37 लाख सहायक शिक्षक दोबारा शिक्षा मित्र बन गए हैं। लेकिन सरकार किसी को हटाने नहीं जा रही। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा मित्रों को राहत देने के विकल्प तलाश रहे हैं।

शिक्षा मित्रों के साथ हमारी सहानुभूति

राजप्रताप सिंह ने कहा कि हमने शिक्षा मित्रों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन किया है। अब हमारी सबसे पहली जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पालन करना है। यूपी के 1.37 लाख शिक्षा मित्रों को होने वाले आर्थिक नुकसान पर राज प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश के हर शिक्षा मित्र के साथ हमारी सहानुभूति है। हम शिक्षा मित्रों के हितों की रक्षा के लिए हर मुमकिन विकल्प पर विचार कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: सरकार किसी शिक्षा मित्र को नहीं हटाएगी
आपको बता दें कि सरकार ने कहा था कि यूपी में 65 हजार सरप्लस शिक्षक हैं। लेकिन अब 1.37 लाख शिक्षा मित्रों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में शिक्षकों की कमी हो जाएगी। इस पर राज प्रताप सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से 1.37 लाख सहायक शिक्षक दोबारा शिक्षा मित्र बन गए हैं। सरकार किसी को हटाने नहीं जा रही। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नियुक्ति में प्राथमिकता टीईटी के दो मौके देने को कहा है। सरकार ये सारे मौके प्रदेश के सभी शिक्षा मित्रों को देगी।


वेतन के बारे में ली जा रही राय

शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद उन्हें जुलाई से मिलने वाले वेतन पर राजप्रताप सिंह ने कहा कि इस पर कानूनी राय ली जा रही है। अभी हमारी प्राथमिकता शिक्षा मित्रों की समस्या का समाधान करना है। हर संभव विकल्प पर विधिक राय लेकर जो भी प्रस्ताव होगा उसे कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। हम किसी भी शिक्षा मित्र का अहित नहीं होने देंगे। ये हो सकते हैं विकल्प
शिक्षा मित्रों को राहत देने के लिए अब जो विकल्प हैं उसके मुताबिक प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती है। वहीं 1.37 लाख शिक्षा मित्रों में से 30 हजार शिक्षा मित्र टीईटी पास हैं। प्रदेश सरकार उन्हें नई भर्ती निकालकर तुरंत समायोजित कर सकती है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में भी शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। लेकिन त्रिपुरा सरकार अब उन्हें गैर शैक्षणिक पदों पर समायोजित करने जा रही है। उत्तर प्रदेश में भी विभिन्न विभागों में करीब दो लाख से अधिक पद रिक्त हैं। सरकार चाहे तो यूपी के शिक्षा मित्रों को भी गैर शैक्षणिक पदों पर समायोजित कर सकती है। सरकार के सामने एक रास्ता ये भी है कि शिक्षा मित्रों को वर्तमान में मिल रहे वेतन पर पदनाम बदलकर स्कूलों में पढ़ाने का मौका दिया जा सकता है। एक रास्ता और है जिसके मुताबिक शिक्षा मित्रों के पढ़ाने के अनुभव को देखते हुए केेन्द्र सरकार टीईटी की अनिवार्यता खत्म करने का अध्यादेश लेकर आए और उनको सहायक शिक्षक पद पर समायोजित करे। अब केंद्र और राज्य सरकार शिक्षा मित्रों को राहत देने के लिए क्या रास्ता निकालती है, यह देखने वाली बात होगी।

No comments:

Post a Comment