Welcome to BASIC KA TEACHER.COM

Translate

Tuesday 4 April 2017

*📌बाप रे.. एक हजार शिक्षक और 40 हजार छात्र नदारद

*📌बाप रे.. एक हजार शिक्षक और 40 हजार छात्र नदारद

Mon, 03 Apr 2017 11:44 PM (IST)
जहीर हसन, बागपत :
सत्ता परिवर्तन के बाद से बागपत डीएम के तेवर भी बदले हुए हैं। सबसे पहले बड़ौत तहसील में औचक छापेमारी कर गायब मिलीं एसडीएम तथा अन्य अफसरों को उन्होंने तेवर दिखाए, तो अगले ही कुछ दिनों में सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की लापरवाही का हाल जानने का मास्टरप्लान तैयार कर डाला। जनपद के सरकारी स्कूलों में एक साथ छापेमारी करने का प्लान डीएम तथा सीडीओ ने तैयार किया। रणनीति के तहत सोमवार सुबह स्कूल खुलते ही सभी 674 स्कूलों में एक साथ छापा मारने की योजना बनाई गई। शनिवार शाम तक किसी को भी इस छापेमारी के बारे में सूचना नहीं दी गई। हां, छापेमारी के लिए चुने गए अफसरों को सोमवार सुबह कलक्ट्रेट में अवश्य बुला लिया गया।
अफसर भी हैरान कि आखिर सभी को अचानक सुबह सुबह क्यों बुलाया गया। सरकारी मशीनरी को कुछ शुक तो हुआ कि कोई गुप्त योजना तैयार की गई है, लेकिन किसी को इस प्लान के बारे में मालूम नहीं चला। सोमवार सुबह कलक्ट्रेट में अफसरों का जमावड़ा लग गया। सभी को अलग अलग स्कूल आवंटित कर दिए गए। सभी अफसर अपने अपने स्कूलों में छापेमारी करने गए। शाम को सभी ने अपनी रिपोर्ट सीडीओ को सौंप दी। अभी तक सब कुछ सामान्य था, लेकिन जनपदभर की रिपोर्ट को कंपाइल करने का काम शुरू होते ही अफसरों की धड़कनें बढ़ने लगीं। जैसे-जैसे रिपोर्ट कंपाइल हो रही थी, स्कूलों की बदहाली का पिटारा खुलकर अफसरों के सामने आ रहा था। रिपोर्ट फाइनल होने तक अफसरों की आंखों के सामने अंधेरा छा चुका था। दरअसल यह रिपोर्ट ही हैरान करने वाली थी। *रिपोर्ट के आंकड़े जिले से करीब एक हजार अध्यापक तथा चालीस हजार बच्चों को नदारद दर्शा रहे थे।* रिपोर्ट आने के बाद अफसर हैरान थे कि आखिर शिक्षा विभाग में यह सब चल क्या रहा है। शिक्षा विभाग का कोई भी अफसर इस बार जवाब देने के लिए आगे नहीं आ रहा था। रिपोर्ट चीख चीख कर सरकारी स्कूलों की खस्ताहालत को बयां कर रही थी, तो अफसर अनुत्तरित थे..।
---------------------
*दो बच्चे और चार शिक्षक*
बेसिक शिक्षा विभाग का भगवान ही मालिक है। बागपत में एक स्कूल ऐसा है जहां दो बच्चों पर चार शिक्षक तैनात हैं। कृषि उप निदेशक धुरेंद्र कुमार डीएम के आदेश पर उच्च प्राथमिक पाठशाला खासपुर में छापा मारने पहुंचे तो स्कूल का हाल देखकर हैरान रह गए। बताया कि इस स्कूल में एक छात्र कक्षा सात तथा एक छात्र कक्षा आठ में नामांकित हैं। कक्षा छह में एक भी बच्चा नहीं है। जिस समय वे स्कूल में छापा मारने पहुंचे तो दोनों बच्चों के बस्ते रखे मिले पर वे खुद स्कूल से गायब मिले। चार शिक्षक में एक अवकाश पर बताए। बाकी तीन आपस में बात करते मिले।
*पांच शिक्षकों पर आठ बच्चे*
प्राथमिक स्कूल खासपुर में पांच शिक्षक तैनात हैं, लेकिन बच्चे मौजूद मिले आठ। इनमें कक्षा एक दो बच्चे, कक्षा दो में दो, कक्षा तीन में एक, कक्षा चार में एक और कक्षा पांच में दो बालक मौजूद मिले। कृषि उप निदेशक दोनों स्कूलों का हाल देखकर दंग रह गए। गौरतलब है कि प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को अच्छा खासा वेतन मिलता है। जिस स्कूल में दो बच्चे मिले वहां चार शिक्षकों को हर माह करीब तीन लाख रुपये वेतन मिलता है।
*गर्म मसाला गायब, झोंकी लाल मिर्च*
वहीं डीडीओ हुब लाल को काशा पुट्ठी गांव के प्राथमिक स्कूल में छह बच्चे मौजूद मिले। जबकि इस स्कूल में तीन शिक्षक तैनात हैं। यही नहीं, प्राथमिक स्कूल काशापुट्ठी में 51 में महज 28 बच्चे मौजूद मिले। परियोजना निदेशक एमएल पटेल ने बताया कि पाली गांव की प्राथमिक स्कूल का हाल भी बुरा मिला। उच्च प्राथमिक स्कूल पाली में मिड डे मील में गर्ममसालों की जगह महज लाल मिर्च का पाउडर डालकर भोजन बनाया गया। बच्चों की संख्या बहुत कम मिली।

🚩

No comments:

Post a Comment