परिषदीय स्कूलों की परीक्षा में गुणवत्ता का प्रयास, एडी बेसिक ने शिक्षकों को जारी की गाइड लाइन, परीक्षा में कमजोर बच्चों को चिह्नित कर बनेगी सूची
परिषदीय विद्यालयों में अर्धवार्षिक परीक्षाओं को लेकर अब तक खास तवज्जो नहीं मिलती थी, लेकिन इस बार 15 अक्तूबर से शुरू होने वाली परीक्षा की व्यवस्थाओं में बदलाव देखने को मिलेगा। बोर्ड परीक्षाओं की भांति ही
सभी व्यवस्थाएं शिक्षकों को अपडेट करनी होंगी, क्योंकि शासन ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के बाद से पहली बार बजट जारी किया है। इससे बच्चों को प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाएं मुहैया कराई जाएंगी।
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक महेंद्र सिंह राणा ने परीक्षाओं को संपन्न कराने के लिए गाइड लाइन जारी की है। परीक्षा प्रारंभ होने से ठीक आधा घंटा पहले प्रश्नपत्र का पैकेट प्रधानाध्यापक और एसएमसी के एक सदस्य के सामने खोला जाएगा। सीटिंग प्लान के मुताबिक प्रश्नपत्रों का वितरण किया जाएगा। प्रत्येक उत्तर पुस्तिका पर विद्यालय की सील लगाना अनिवार्य है और परीक्षार्थियों को अनुक्रमांक भी जारी किए जाएंगे। कक्ष निरीक्षक उत्तर पुस्तिका चेक करके हस्ताक्षर करेंगे। कक्षा दो, तीन, चार, पांच और छह, सात, आठ के परीक्षार्थियों को एकांतर क्रम में बैठाया जाएगा। मसलन कक्षा दो के बाद कक्षा तीन, फिर चार, पांच के परीक्षार्थी बैठेंगे, जिससे बच्चे नकल नहीं कर सकेंगे। परीक्षा कक्ष के बाहर सीटिंग प्लान चस्पा किया जाएगा। एडी बेसिक ने परीक्षा की शुचिता एवं पवित्रता पर जोर देते हुए कहा है कि सभी विद्यार्थी, शिक्षक, बीईओ और बीएसए गंभीरता से कार्य करें और ब्लाक/जिला स्तरीय सचल दल से निगरानी कराएं। परीक्षा की समाप्ति के बाद या अगले दिन ही मूल्यांकन करने के निर्देश दिए गए हैं। मूल्यांकन में कमजोर बच्चों को चिह्नित कर उनके अभिभावकों को जानकारी दी जाएगी।
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