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Sunday 14 May 2017

इस साल दर्जियों की होगी बल्ले-बल्ले 80 हजार से अधिक परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस होना है तैयार

इस साल दर्जियों की होगी बल्ले-बल्ले
80 हजार से अधिक परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस होना है तैयार

जागरण संवाददाता, रामपुर : इस साल दर्जियों की बल्ले-बल्ले होगी। वजह यह है कि इस बार परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस इन्हीं को तैयार करना है।1सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को एमडीएम, पुस्तकें, सप्ताह में एक दिन दूध और फल के अलावा एक साल में दो ड्रेस भी निश्शुल्क मिलती है। इस बार योगी सरकार ने बच्चों की पसंद का ख्याल रखते हुए ड्रेस तैयार कराने का फैसला किया है। सत्ता परिवर्तन के बाद परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की ड्रेस का रंग भी बदल गया है। इस बार गुलाबी और ब्राउन रंग की चेक की ड्रेस मिलेगी। हर वर्ष की तरह यह ड्रेस किसी ठेकेदार अथवा फर्म से नहीं खरीदना है, बल्कि प्रत्येक बालक का नाप लेकर विद्यालय प्रबंध समिति की देखरेख में गांव के दर्जी से बनवाना है। पिछले वर्षों में यह ड्रेस सत्तापक्ष के कुछ छुटभैये नेता करते थे। कमीशनखोरी के चक्कर में ड्रेस की गुणवत्ता को भी ताक पर रख दिया जाता था। इतना ही नहीं ये लोग स्कूल में ड्रेस डाल जाते थे। दबाव के चलते शिक्षक भी इनके खिलाफ आवाज नहीं उठा पाते थे। फलस्वरूप जैसी ड्रेस यह देते, बच्चों को पहनना पड़ती थी। इस बार शासन से लेकर प्रशासन तक गंभीर है। नवागत जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने ड्रेस को लेकर बेसिक शिक्षा से जुड़े अधिकारियों और शिक्षकों के पेच कस दिए हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि इस बार बच्चों का नाप लेकर स्थानीय दर्जी से ड्रेस सिलवाना है। इसमें किसी स्तर पर कोताई या अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ न सिर्फ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, बल्कि उसको सीधे जेल भेजा जाएगा।इस बार जून में ईद है। ईद पर भी रात-दिन एक कर दर्जियों को राजेदारों के लिए कपड़े तैयार करने होते हैं। दर्जियों के लिए एक माह का तगड़ा सीजन रहता है। उसके बाद शादी का सहालग शुरू हो जाता है। इस बार ईद के बाद जहां दर्जियों को शादी के सहालग के साथ-साथ जुलाई में स्कूल खुलने के बाद जिले के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 80000 हजार बच्चों की ड्रेस भी तैयार करना है।

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